पूर्वोत्तर भारत को वैश्विक कृषि बाजार से जोड़ने की दिशा में अहम कदम: तवांग में एपीडा और अरुणाचल सरकार की अंतर्राष्ट्रीय क्रेता-विक्रेता बैठक सफल

Report by : Nimmi Thakur
तवांग (अरुणाचल प्रदेश), अप्रैल 2025:
भारत सरकार के विकसित पूर्वोत्तर दृष्टिकोण को साकार करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल के तहत कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पाद निर्यात विकास प्राधिकरण (एपीडा) और अरुणाचल प्रदेश सरकार ने मिलकर तवांग में एक भव्य अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन सह क्रेता-विक्रेता बैठक (IBSM) का आयोजन किया। यह आयोजन स्थानीय किसानों, निर्यातकों और वैश्विक खरीदारों को एक साझा मंच पर लाने की दिशा में एक प्रेरणादायक कदम रहा।
इस बैठक का उद्देश्य अरुणाचल प्रदेश सहित पूरे पूर्वोत्तर भारत से कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य उत्पादों के अंतर्राष्ट्रीय निर्यात को बढ़ावा देना था। कार्यक्रम का आयोजन कलावांगपो कन्वेंशन हॉल, तवांग में किया गया, जहाँ तीन देशों (यूएई, नेपाल और भूटान) के 11 अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों और भारत के सात राज्यों के 17 प्रमुख निर्यातकों ने भाग लिया।
मुख्यमंत्री ने दिया आत्मनिर्भर कृषि क्षेत्र का संदेश
अरुणाचल प्रदेश के माननीय मुख्यमंत्री श्री पेमा खांडू ने कार्यक्रम में अपने मुख्य भाषण में किसानों की आजीविका बढ़ाने, महिला नेतृत्व वाले विकास और स्वयं सहायता समूहों के सशक्तिकरण की प्रतिबद्धता दोहराई। उन्होंने राज्य के खाव ताई (खामती) चावल, मंदारिन संतरे, कीवी, सेब, पर्सिमोन, और याक चीज (चुरपी) जैसे अद्वितीय उत्पादों को आसियान देशों में निर्यात के लिए उपयुक्त बताया।
उन्होंने अंतर्राष्ट्रीय खरीदारों से आग्रह किया कि वे राज्य की अप्रयुक्त क्षमता में निवेश करें और यहां की कृषि विविधता को वैश्विक पहचान दिलाएं।
राज्य सरकार और एपीडा की साझा प्रतिबद्धता
राज्य के कृषि मंत्री श्री गेब्रियल डेनवांग वांगसू ने किसानों को घरेलू और वैश्विक बाजार की मांगों के अनुरूप प्रशिक्षित करने और एफपीओ (FPO), एफपीसी (FPC) और एसएचजी (SHG) जैसे संगठनों के माध्यम से उनकी क्षमताओं को सशक्त बनाने पर बल दिया।
एपीडा अध्यक्ष श्री अभिषेक देव ने आश्वासन दिया कि संगठन किसानों को प्रशिक्षण, बुनियादी ढांचा विकास, उत्पाद ब्रांडिंग और अंतर्राष्ट्रीय प्रदर्शनियों में भागीदारी के लिए हर संभव सहयोग देगा।
सीधी बातचीत से खुला व्यापार का मार्ग
कार्यक्रम में अरुणाचल प्रदेश के 50 से अधिक एफपीओ और 200 किसानों ने भाग लिया और देश-विदेश के निर्यातकों व खरीदारों से सीधे संवाद किया। उन्होंने अपने कृषि उत्पादों की गुणवत्ता, उपलब्धता और उत्पादन क्षमता का प्रदर्शन किया, जिससे स्थानीय कृषि को वैश्विक मंच पर लाने की दिशा में ठोस शुरुआत हुई।
पूर्वोत्तर विकास के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता
एपीडा ने इस बैठक को केवल व्यापारिक अवसरों तक सीमित नहीं रखा, बल्कि इसे एक व्यापक मंच के रूप में विकसित किया जहाँ जैविक उत्पाद, मोटा अनाज, शहद, फल-सब्जियां, प्रसंस्कृत खाद्य, मसाले, और चाय जैसे क्षेत्रों में व्यापारिक सहयोग के नए रास्ते खुले।
यह आयोजन प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के “विकसित पूर्वोत्तर” विजन को धरातल पर उतारने की दिशा में केंद्र सरकार, अरुणाचल प्रदेश सरकार और एपीडा का सशक्त और संगठित प्रयास रहा।
पृष्ठभूमि में एपीडा की भूमिका
एपीडा, वाणिज्य एवं उद्योग मंत्रालय के अधीन एक वैधानिक निकाय है, जो किसानों, एफपीओ, निर्यातकों और प्रसंस्करण इकाइयों को वैश्विक बाजार तक पहुंच दिलाने के लिए तकनीकी सहायता, प्रशिक्षण और बुनियादी ढांचे के विकास में निरंतर कार्यरत है। एपीडा की यह पहल न केवल कृषि उत्पादों के निर्यात को बढ़ावा देगी, बल्कि स्थानीय युवाओं और महिलाओं को भी रोजगार और आत्मनिर्भरता की दिशा में प्रेरित करेगी।
तवांग की यह क्रेता-विक्रेता बैठक केवल एक व्यापारिक आयोजन नहीं, बल्कि “वोकल फॉर लोकल से ग्लोबल” की ओर एक सशक्त कदम थी। यह कार्यक्रम साबित करता है कि भारत का पूर्वोत्तर, विशेष रूप से अरुणाचल प्रदेश, अब कृषि और प्रसंस्कृत खाद्य क्षेत्र के वैश्विक मानचित्र पर उभरने को तैयार है।
Source:PIB