“मेल से मिले थे लाखों, जेल में मिला ताला”: नाइजीरियाई ठग को सीबीआई ने मुंबई एयरपोर्ट से किया गिरफ्तार

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो ने ईमेल धोखाधड़ी से संबंधित मामले की चल रही जांच के सिलसिले में घोषित अपराधी और नाइजीरियाई नागरिक अदिया ओकोह को गिरफ्तार किया है।
अगर आपकी ईमेल इनबॉक्स में लिखा आए, “आपने 7,50,000 GBP जीता है”, तो खुशी से नाचने से पहले एक बार ठहरिए — हो सकता है ये कोई नाइजीरियाई ‘डिजिटल जादूगर’ हो, जो आपके बैंक खाते को पतला और अपना पासपोर्ट मोटा करना चाहता हो!
लेकिन इस बार ठगी का यह डिजिटल चालबाज़, यानी नाइजीरियाई नागरिक अदिया ओकोह, सीबीआई के साइबर जाल में ऐसा फंसा कि मुंबई एयरपोर्ट से सीधे दिल्ली के कोर्ट रूम में लैंड कर गया।
🕵️♀️ मामला क्या है, जनाब?
यह कहानी शुरू हुई 2011 में, जब एक भारतीय नागरिक को ईमेल मिला कि उसने ऑर्थोडॉक्स चर्च फाउंडेशन की लॉटरी में 7,50,000 GBP (ब्रिटिश पाउंड) जीत लिए हैं।
खुशी में झूमते हुए जब उसने आगे पूछा “अब क्या करना है?”, तो जवाब आया — “कुछ नहीं, बस हमें अपने निजी विवरण दे दो और 16,700 रुपये ट्रांसफर कर दो!”
शिकायतकर्ता को शक हुआ और बात सीबीआई तक पहुंची।
👮♂️ ठग पकड़ा गया, पर एक ‘स्मार्ट’ भाग गया
सीबीआई ने जांच के बाद 2012 में एफआईआर दर्ज की, IPC की धारा 419, 420 और IT एक्ट की धारा 66A (B)(C) के तहत।
एक आरोपी, ओसिन डैनियल, को जल्द पकड़ लिया गया, लेकिन अदिया ओकोह नामक दूसरा ठग “डिलीट” मोड में चला गया।
2015 में चार्जशीट दाखिल हुई और 2016 में दिल्ली की अदालत ने ओकोह को घोषित अपराधी घोषित कर दिया। फिर LOC (Look Out Circular) जारी किया गया — यानी “बॉर्डर पार करने की सोचना भी मत।”
🛫 पर किस्मत का खेल… एयरपोर्ट पर फंसा जाल में
अदिया ओकोह शायद सोच रहा था कि भारत की पुलिस अब भूल चुकी होगी, लेकिन CBI की इंटेलिजेंस सर्विस ऑनलाइन फ्रॉड से तेज़ निकली।
जैसे ही ओकोह ने मुंबई एयरपोर्ट से विदेश भागने की कोशिश की, इमिग्रेशन ऑफिसर की स्क्रीन पर उसका नाम लाल हो गया — और वहीँ से उसकी उड़ान की दिशा बदलकर सीधे दिल्ली की जेल की ओर मोड़ दी गई।
अब वह CBI के कस्टडी में है, और जल्द ही राउज एवेन्यू कोर्ट में पेश होगा।
😂 “लॉटरी मिली नहीं, लो जेल फ्री कार्ड भी नहीं!”
इस पूरे मामले में सबक ये है कि:
- इंटरनेट पर मुफ्त में कुछ नहीं मिलता, खासकर लाखों की लॉटरी तो बिल्कुल नहीं!
- CBI को underestimate करना, और खुद को oversmart समझना — ये कॉम्बिनेशन बहुत महंगा पड़ सकता है।
🧠 मेल का लालच, बना जेल का हालचाल!
तो अगली बार जब कोई मेल आए कि “आप करोड़पति बन गए हैं”, तो समझ लीजिए कि सामने वाला आपको ‘निकम्मा’ नहीं, ‘निशाना’ बना रहा है।
CBI को सलाम, जिसने इस डिजिटल सपने को कानूनी हकीकत में बदल दिया।