आईएनएस तरकश और एचएमएनजेडएस ते काहा का साझा अभियान: हिंद महासागर में भारत की वीरता और नेतृत्व का प्रतीक

आईएनएस तरकश ने रॉयल न्यूज़ीलैंड नौसेना के जहाज़ एचएमएनजेडएस ते काहा के साथ यात्रा की
Report by Nimmi Thakur
4 अप्रैल 2025 को अदन की खाड़ी की लहरों पर गूंजती इंजन की गर्जना और अनुशासित युद्धाभ्यासों की सटीकता ने एक और ऐतिहासिक क्षण को जन्म दिया, जब भारतीय नौसेना के स्टील्थ फ्रिगेट आईएनएस तरकश ने रॉयल न्यूज़ीलैंड नौसेना के एंज़ैक-क्लास फ्रिगेट एचएमएनजेडएस ते काहा के साथ सामरिक समुद्री अभ्यास पीएएसएसईएक्स (PASSEX) में भाग लिया। यह आयोजन न केवल एक सैन्य अभ्यास था, बल्कि यह भारतीय वीरता, तकनीकी दक्षता और अंतरराष्ट्रीय समुद्री सुरक्षा में नेतृत्व के भाव को दर्शाने वाला मिशन था।
यह PASSEX, न्यूजीलैंड के नेतृत्व वाले CTF 150 के “ऑपरेशन ANZAC Tiger” का अंतिम पड़ाव था — एक संयुक्त समुद्री बल (Combined Maritime Forces – CMF) का संचालन, जिसमें भारतीय नौसेना की गर्वित और प्रबल उपस्थिति ने पूरे अभियान को एक सशक्त दिशा दी।
वीरता और तकनीकी कौशल का संगम
अभ्यास में सम्मिलित गतिविधियाँ — जैसे क्रॉस-डेक लैंडिंग, सी राइडर एक्सचेंज, सामरिक युद्धाभ्यास, और क्रॉस बोर्डिंग ऑपरेशन — न केवल दोनों देशों की नौसेनाओं के बीच परिष्कृत समन्वय और अंतर-संचालन को दर्शाते हैं, बल्कि यह भी प्रमाणित करते हैं कि भारतीय नौसेना आज तकनीकी दृष्टि से किसी भी वैश्विक शक्ति से कम नहीं है।
हर लहर पर दौड़ती आईएनएस तरकश की हुंकार, हमारे देश की संप्रभुता की रक्षा और वैश्विक समुद्री स्थिरता के लिए उसकी सतत प्रतिबद्धता की उद्घोषणा करती है।
भारत-न्यूजीलैंड संबंधों की एक नई ऊँचाई
यह अभ्यास सिर्फ सैन्य सहयोग नहीं, बल्कि भारत और न्यूजीलैंड के बीच विश्वास, मैत्री और समान दृष्टिकोण का प्रतीक था। हिंद महासागर क्षेत्र में इस तरह के ऑपरेशन यह संकेत देते हैं कि भारत न केवल क्षेत्रीय स्थिरता में योगदान दे रहा है, बल्कि वह एक “विश्वसनीय सुरक्षा साझेदार” के रूप में उभर कर सामने आ रहा है।
भारतीय नौसेना: राष्ट्र की समुद्री दीवार
आईएनएस तरकश जैसे उन्नत स्टील्थ युद्धपोत, भारतीय नौसेना की शौर्यगाथा को बार-बार दोहराते हैं। यह युद्धपोत सिर्फ एक जहाज़ नहीं है, यह भारत माता की रक्षा में समर्पित बलिदान, अनुशासन और संकल्प की चलती-फिरती प्रतिमा है।
अदन की खाड़ी में लहरों के बीच गूंजता यह अभ्यास यह संदेश देता है कि भारत शांतिपूर्ण महासागरों का हिमायती है, लेकिन जब संप्रभुता, सुरक्षा और सम्मान की बात आती है, तो उसकी तलवार समुद्र में भी उतनी ही तेज और सजग रहती है।