भारत का आठवां ‘मैगनेट’ बनेगा लखनऊ, यूपी के पांच शहरों पर योगी सरकार का फोकस

 भारत का आठवां ‘मैगनेट’ बनेगा लखनऊ, यूपी के पांच शहरों पर योगी सरकार का फोकस

देश के पहले एआई सिटी के रूप में लखनऊ को डेवलप करने के महात्वाकांक्षी प्लान पर योगी सरकार ने कदम आगे बढ़ा दिया है। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की ओर से एक दिन पहले ही अधिकारियों को इसके लिए मिशन मोड में जुटने के लिए कह दिया गया है। इसके साथ ही अब प्रदेश सरकार का पूरा फोकस लखनऊ को देश के मैगनेट शहरों की कतार में लाकर खड़ा करने पर है। अभी देश के सात शहर मैगनेट सिटी के रूप में जाने जाते हैं, इनमें दिल्ली-एनसीआर, कोलकाता, चेन्नई, मुम्बई, हैदराबाद, अहमदाबाद और बेंगलूरु शामिल हैं। योगी सरकार लखनऊ को देश के आठवें मैगनेट सिटी की तरह डेवलप करने के प्लान पर आगे बढ़ रही है। सरकार की ओर से अगले पांच साल को 20 क्वार्टर पीरियड में बांटकर इस पूरे प्लान को अमली जामा पहनाने पर फोकस है।

प्रदेश को अगले पांच साल में वन ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने के लिए यूपी के पांच शहरों का पूरी तरह से कायाकल्प होने जा रहा है। लखनऊ, कानपुर, गौतमबुद्धनगर, वाराणसी और प्रयागराज को आईटी और आईटीईएस सेक्टर के बड़े हब के रूप में डेवलप करने के लिए सरकार के पास पूरी रणनीति तैयार है। सरकार का मनना है कि आईटी और आईटीईएस सेक्टर के लिए उत्तर प्रदेश के ये पांच जनपद प्रदेश के विकास के लिए बड़ी संभावनाओं के द्वार तो खोलेंगे ही साथ ही साथ उत्कृष्ट मेधा के पलायन की समस्या को भी हमेशा के खत्म किया जा सकेगा। मुख्य सचिव दुर्गाशंकर मिश्र की अगुवाई में बीते आठ महीने से विभिन्न विभागों के आला अफसरों की टीम इस प्लान पर काम कर रही थी। वहीं सीएम योगी आदित्यनाथ के सामने अधिकारियों ने इसे लेकर विस्तृत प्रस्तुतिकरण दिया है। इसके बाद मुख्यमंत्री ने पूरे प्लान को धरातल पर उतारने के लिए अधिकारियों को मिशन मोड में जुटने के लिए कह दिया गया है।

राष्ट्रीय राजधानी नई दिल्ली और गुरुग्राम के नजदीक होने के कारण गौतमबुद्ध नगर पहले से ही आईटी और आईटीईएस कंपनियों के लिए बेस्ट डेस्टिनेशन बना हुआ है। योगी सरकार गौतमबुद्ध नगर को देश ही नहीं आईटी इंडस्ट्री के दिग्गज ग्लोबल खिलाड़ियों के लिए भी सॉफ्टवेयर प्रोडक्शन का बड़ा हब बनाना चाहती है। कभी लेदर सिटी और यूपी की आर्थिक राजधानी कहे जाने वाले कानपुर को आने वाले वक्त में भारत के रोबॉटिक्स और ड्रोन टेक्नोलॉजी हॉटस्पॉट वाले शहर की पहचान मिल सकती है। आईआईटी कानपुर इसमें बड़ी भूमिका अदा करने वाला है। राजधानी लखनऊ की बात करें तो प्रदेश सरकार ने पहले ही इसे देश के पहले एआई सिटी के रूप में विकसित करने का ऐलान कर दिया है। वहीं इन तीन शहरों के लिए बड़े पैमाने पर क्वालिटी इंजीनियरिंग टैलेंट तैयार करने की जिम्मेदारी संयुक्त रूप से वाराणसी और प्रयागराज के जिम्मे होगी। इंजीनियरिंग मैन पॉवर और रिसर्च एंड डेवलपमेंट का हब बनने के लिए वाराणसी और प्रयागराज के पास पहले से ही आईआईटी-बीएचयू, एमनआईटी और ट्रिपल आईटी जैसे बड़े संस्थान मौजूद हैं। बता दें कि यूपी ग्लोबल इंन्वेस्टर्स समिट के बाद अबतक 36 लाख करोड़ के निवेश प्रस्ताव यूपी को प्राप्त हो चुके हैं। योगी सरकार अब ग्राउंड ब्रेकिंग सेरेमनी के जरिए निवेशों को धरातल पर उतारने की तैयारी में जुटी हुई है। प्रदेश की कानून व्यवस्था के साथ ही इन्फ्रास्ट्रक्चर और कनेक्टिविटी पर बीते 6 साल काफी महत्वपूर्ण रहे हैं। योगी सरकार अब अगले पांच साल में यूपी के पांच शहरों को आईटी और आईटीईएस के बड़े हब के रूप में विकसित करने में जुटी हुई है। इनमें भी लखनऊ देश का आठवां मैगनेट सिटी बनता है तो पूरे प्रदेश में आईटी बेस्ड इंडस्ट्रीज़ को काफी मदद मिलेगी।