साइबर अपराधों को लेकर योगी सरकार सजग

 साइबर अपराधों को लेकर योगी सरकार सजग

लखनऊ, 28 फरवरी। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार सोशल मीडिया पर अपमानजनक टिप्पणियों, भ्रामक सूचनाओं और साइबर अपराधों को लेकर बेहद सजग है और इसकी रोकथाम के लिए प्रदेश स्तर पर कई तरह के जागरूकता अभियान के साथ कार्रवाई भी की जा रही है। वर्ष 2022 में ही सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाओं और अपमानजनक टिप्पणियों के मामले में 857 अभियोग पंजीकृत किए गए हैं, जिससे संबंधित 655 अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। इसी तरह 5432 साइबर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है, जबकि 89 करोड़ 46 लाख रुपए की बरामदगी की गई है। विधानसभा में विपक्षी सदस्यों द्वारा पूछे गए सवालों के जवाब में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने इसकी जानकारी दी।

विधानसभा में वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बताया कि प्रदेश की योगी सरकार सोशल मीडिया के माध्यम से भ्रामक सूचनाओं या अपमानजनक टिप्पणी को लेकर बेहद सजग है और इसकी लगातार मॉनीटरिंग की जा रही है। वर्ष 2022 में सोशल मीडिया पर भ्रामक सूचनाओं और अपमानजनक टिप्पणियों के मामले में सरकार ने संज्ञान लेकर 857 अभियोग पंजीकृत कराए हैं। इन मामलों से संबंधित 655 अभियुक्तों को गिरफ्तार भी किया गया। 18 जिलों में साइबर थाने स्थापित किए जा चुके हैं, जबकि बाकी 57 जिलों में भी साइबर थाना जल्द बनाए जाने की कार्यवाही प्रचलित है। इन थानों के माध्यम से शिकायत और कार्यवाही का संचालन किया जाएगा।

उन्होंने बताया कि सोशल मीडिया पर अभद्र टिप्पणी करने वालों की पहचान की जा रही है। इसके लिए डेडिकेटेड ट्विटर हैंडल भी बनाए गए हैं, जो गलत पोस्ट डालने वालों को चिन्हित करते हैं और उन पर कार्रवाई के लिए भी अनुमोदित करते हैं। सिर्फ यही नहीं, प्रदेश में 5 लाख से अधिक वॉट्सएप डिजिटल वालंटियर बनाए गए हैं, जिनके सहयोग से आपत्तिजनक टिप्पणियों के साथ ही भ्रामक खबरों का खंडन कराया जाता है। यह वॉलंटियर प्रदेश के हर थाने के साथ कनेक्ट होकर शिकायतों की निगरानी करते हैं।

साइबर अपराधों पर अंकुश लगाने के मामले में सरकार ने तेजी से कार्रवाई की है। सुरेश खन्ना ने बताया कि प्रदेश के थानों में कुल 5432 साइबर अभियुक्तों को गिरफ्तार किया गया है। इनसे 89 करोड़ 46 लाख रुपए की बरामदगी की गई। यही नहीं, कमिश्नरी हेडक्वार्टर में साइबर थाने खोले गए हैं, जबकि प्रदेश के सभी 1532 थानों में साइबर सेल की स्थापना की गई है। सभी जगह ट्रेंड स्टाफ को नियुक्त किया गया है। इसके लिए 1 लाख 92 हजार 800 अधिकारियों को प्रशिक्षित किया गया है, ताकि वो शिकायतों की निगरानी के साथ-साथ उनके निस्तारण में सक्षम हो सकें।

प्रदेश में साइबर अपराधों और सोशल मीडिया पर अपमानजनक या भ्रामक पोस्ट से बचने के लिए सरकार ने हर स्तर पर अवेयरनेस प्रोग्राम भी चलाए हैं। इनके माध्यम से लोगों को जागरूक किया जा रहा है। उन्होंने बताया कि विभिन्न सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के साथ-साथ समाचार पत्रों व इलेक्ट्रॉनिक चैनलों के माध्यम से लोगों को अपना ओटीपी या बैंक से संबंधित जरूरी सूचनाएं नहीं साझा करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है। साथ ही, हर बुधवार को प्रत्येक पुलिस अधीक्षक को जिम्मेदारी दी गई है कि वो इस संबंध में समीक्षा करेंगे। इसके अलावा टोल फ्री नंबर 1930 पर भी सहायता प्राप्त की जा सकती है। सरकार के निर्देश पर इस हेल्पलाइन नंबर पर 20 लाइनें 24 घंटे चालू रहती हैं।