CJI की बेंच का बड़ा कदम, अरावली मामले में सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर रोक
नई दिल्ली। अरावली हिल्स से जुड़े विवाद पर सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत की पीठ ने आज 29 दिसंबर 2025 को अहम सुनवाई की। बेंच ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता को इस मामले में कोर्ट की सहायत करने को कहा गया है। इस मामले पर अगली सुनवाई 21 जनवरी 2026 को होगी।
अरावली विवाद में सीजेआई जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन जजों की पीठ ने सुप्रीम कोर्ट के पूर्व के फैसले पर रोक लगा दी है। अरावली हिल रेंज की परिभाषा को लेकर उठे सवाल के बीच सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार 29 दिसंबर 2025 को बड़ा निर्णय देते हुए अपने ही पूर्व के फैसले के अमल पर रोक लगा दी है। CJI जस्टिस सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन जजों की बेंच ने पर्यावरण से जुड़े इस मामले पर अहम सुनवाई की। सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता पेश हुए। शीर्ष अदालत ने उन्हें इस मामले में कोर्ट की सहायता करने को कहा है। सोमवार को भी इस मामले में एसजी तुषार मेहता ने पहले इस मामले में पक्ष रखा। उनकी दलील सुनने के बाद सुप्रीम कोर्ट अरावली मामले से जुड़े विवाद को लेकर 5 सवाल तय किए हैं। साथ ही एक्सपर्ट कमेटी बनाने का भी सुझाव दिया है। कमेटी की रिपोर्ट आने तक अब 20 नवंबर 2025 को सुप्रीम कोर्ट की ओर से दिया गया फैसला प्रभावी नहीं होगा। इस मामले पर अब अगली सुनवाई 21 जनवरी 2026 को होगी। अरावली पहाड़ियों से जुड़े अहम मामले में सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा कदम उठाया है। प्रधान न्यायाधीश सूर्यकांत की अध्यक्षता वाली तीन सदस्यीय पीठ ने इस मामले में स्वतः संज्ञान (सुओ मोटो) लेते हुए 20 नवंबर 2025 के अपने पिछले फैसले को फिलहाल स्थगित (इन एबेयन्स) कर दिया है। कोर्ट ने साफ कहा है कि किसी भी आदेश को लागू करने से पहले निष्पक्ष और स्वतंत्र विशेषज्ञों की राय लेना जरूरी है। सुनवाई के दौरान केंद्र सरकार की ओर से सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने अदालत की सहायता की। कोर्ट ने इस मामले में केंद्र सरकार, दिल्ली, हरियाणा, राजस्थान समेत अन्य संबंधित राज्यों को नोटिस जारी कर जवाब मांगा है। मामले की अगली सुनवाई 21 जनवरी 2026 को होगी।
