दिल्ली में जहरीली हवा, आज AQI 380
- दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- December 8, 2025
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नई दिल्ली। दिल्ली की हवा की गुणवत्ता एक बार फिर गंभीर रूप से बहुत खराब बनी हुई है। शहर के विभिन्न हिस्सों में सुबह के समय जहरीले स्मॉग की एक मोटी परत छा गई, जिससे दृश्यता काफी कम हो गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अनुसार, कई इलाकों में वायु गुणवत्ता सूचकांक ‘बहुत खराब’ श्रेणी में दर्ज किया गया है।
दिल्ली के इन इलाकों ही आबोहवा है खराब
अक्षरधाम, आनंद विहार और आईटीओ जैसे इलाकों में एक्यूआई 384 दर्ज किया गया, जिसे ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा गया है। इन क्षेत्रों में स्मॉग की सघनता अधिक होने के कारण सांस लेना दूभर हो रहा है। वहीं, इंडिया गेट और कर्तव्य पथ जैसे इलाकों में एक्यूआई 294 दर्ज किया गया।
हवा की दिशा बदलने से मिली मामूली राहत
बीते रविवार को दिल्ली में हवा की दिशा में आए बदलाव के कारण प्रदूषण की रफ्तार में मामूली कमी दर्ज की गई है, लेकिन यह राहत अस्थायी साबित हो रही है। रविवार सुबह दिल्ली की शुरुआत धुंध और हल्के कोहरे के साथ हुई, जबकि आसमान में स्मॉग की एक पतली चादर छाई रही, जिससे दृश्यता भी काफी कम रही। इस दौरान लोगों को मास्क का सहारा लेना पड़ा और सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
एक्यूआई की स्थिति और एनसीआर का हाल
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 380 दर्ज किया गया, जो “बेहद खराब” श्रेणी में आता है। शनिवार की तुलना में इसमें 20 अंकों की गिरावट देखी गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में नोएडा सबसे अधिक प्रदूषित शहर रहा, जहां एक्यूआई 347 दर्ज किया गया। गाजियाबाद में यह 355, ग्रेटर नोएडा में 295 और गुरुग्राम में 275 रहा। वहीं, फरीदाबाद की हवा तुलनात्मक रूप से साफ रही, जहां सूचकांक 199 दर्ज किया गया, जो “संतोषजनक” श्रेणी में आता है।
इन चीजों से फैल रहा प्रदूषण
दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, विभिन्न स्रोतों से होने वाले प्रदूषण में वाहनों का योगदान 16.59% रहा। इसके अलावा, सड़क की धूल से 1.20%, निर्माण गतिविधियों से 2.31%, आवासीय प्रदूषण से 4.05% और पेरिफेरल उद्योगों से 8.108% की भागीदारी दर्ज की गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को हवा पश्चिम दिशा से 10 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चली। अनुमानित अधिकतम मिश्रण गहराई 850 मीटर और वेंटिलेशन इंडेक्स 6000 मीटर प्रति वर्ग सेकंड दर्ज किया गया। दोपहर तीन बजे, हवा में पीएम10 की मात्रा 240 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम2.5 की मात्रा 133.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई।
सीपीसीबी के पूर्वानुमान के अनुसार, बुधवार तक हवा की गुणवत्ता “बेहद खराब” श्रेणी में ही बनी रहने की संभावना है। इससे सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, और लोगों को आंखों में जलन जैसी समस्याओं का भी अनुभव हो सकता है। कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता “गंभीर” और “बेहद खराब” श्रेणी में दर्ज की गई है।
अक्षरधाम, आनंद विहार और आईटीओ जैसे इलाकों में एक्यूआई 384 दर्ज किया गया, जिसे ‘बहुत खराब’ श्रेणी में रखा गया है। इन क्षेत्रों में स्मॉग की सघनता अधिक होने के कारण सांस लेना दूभर हो रहा है। वहीं, इंडिया गेट और कर्तव्य पथ जैसे इलाकों में एक्यूआई 294 दर्ज किया गया।
हवा की दिशा बदलने से मिली मामूली राहत
बीते रविवार को दिल्ली में हवा की दिशा में आए बदलाव के कारण प्रदूषण की रफ्तार में मामूली कमी दर्ज की गई है, लेकिन यह राहत अस्थायी साबित हो रही है। रविवार सुबह दिल्ली की शुरुआत धुंध और हल्के कोहरे के साथ हुई, जबकि आसमान में स्मॉग की एक पतली चादर छाई रही, जिससे दृश्यता भी काफी कम रही। इस दौरान लोगों को मास्क का सहारा लेना पड़ा और सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है।
एक्यूआई की स्थिति और एनसीआर का हाल
वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 380 दर्ज किया गया, जो “बेहद खराब” श्रेणी में आता है। शनिवार की तुलना में इसमें 20 अंकों की गिरावट देखी गई। राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र (एनसीआर) में नोएडा सबसे अधिक प्रदूषित शहर रहा, जहां एक्यूआई 347 दर्ज किया गया। गाजियाबाद में यह 355, ग्रेटर नोएडा में 295 और गुरुग्राम में 275 रहा। वहीं, फरीदाबाद की हवा तुलनात्मक रूप से साफ रही, जहां सूचकांक 199 दर्ज किया गया, जो “संतोषजनक” श्रेणी में आता है।
इन चीजों से फैल रहा प्रदूषण
दिल्ली में वायु गुणवत्ता प्रबंधन के लिए निर्णय सहायता प्रणाली के अनुसार, विभिन्न स्रोतों से होने वाले प्रदूषण में वाहनों का योगदान 16.59% रहा। इसके अलावा, सड़क की धूल से 1.20%, निर्माण गतिविधियों से 2.31%, आवासीय प्रदूषण से 4.05% और पेरिफेरल उद्योगों से 8.108% की भागीदारी दर्ज की गई।
केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) के आंकड़ों के अनुसार, शनिवार को हवा पश्चिम दिशा से 10 किलोमीटर प्रति घंटे की गति से चली। अनुमानित अधिकतम मिश्रण गहराई 850 मीटर और वेंटिलेशन इंडेक्स 6000 मीटर प्रति वर्ग सेकंड दर्ज किया गया। दोपहर तीन बजे, हवा में पीएम10 की मात्रा 240 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर और पीएम2.5 की मात्रा 133.1 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई।
सीपीसीबी के पूर्वानुमान के अनुसार, बुधवार तक हवा की गुणवत्ता “बेहद खराब” श्रेणी में ही बनी रहने की संभावना है। इससे सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ सकता है, और लोगों को आंखों में जलन जैसी समस्याओं का भी अनुभव हो सकता है। कई इलाकों में हवा की गुणवत्ता “गंभीर” और “बेहद खराब” श्रेणी में दर्ज की गई है।
