दिल्ली प्रदूषण के बीच पंजाब का रणसिंह कलां मॉडल बना देश की उम्मीद

 दिल्ली प्रदूषण के बीच पंजाब का रणसिंह कलां मॉडल बना देश की उम्मीद

 

पंजाब के मोगा जिले का रणसिंह कलां गांव पराली प्रबंधन का आदर्श बनकर देश को नया रास्ता दिखा रहा है। केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान मंगलवार को गांव पहुंचे और किसानों के साथ संवाद करते हुए उनके प्रयासों की सराहना की। उन्होंने कहा कि जब दिल्ली प्रदूषण की भयावह स्थिति से जूझ रही है, तब रणसिंह कलां जैसे गांव सकारात्मक बदलाव की बयार लेकर सामने आए हैं।

 

केंद्रीय मंत्री ने बताया कि इस वर्ष पंजाब में पराली जलाने की घटनाओं में उल्लेखनीय कमी आई है। उन्होंने कहा कि रणसिंह कलां गांव पिछले छह वर्षों से बिना पराली जलाए खेती कर रहा है और हैप्पी सीडर व डायरेक्ट सीडिंग जैसी वैज्ञानिक तकनीकों से मिट्टी की गुणवत्ता, पानी बचत और उत्पादन में सुधार हुआ है। इसे पूरे देश के लिए प्रेरणादायक मॉडल बताया गया।

शिवराज सिंह चौहान ने किसान गोपाल सिंह के खेत में खड़े होकर सीधी बिजाई वाले गेहूं की फसल का निरीक्षण किया और किसानों को समझाया कि शुरुआती अवस्था में बिना अतिरिक्त सिंचाई के भी फसल स्वस्थ है, जिससे पानी और डीज़ल की बचत हो रही है। उन्होंने कहा कि पराली को जलाने की बजाय खेत में मिलाने से प्राकृतिक मल्चिंग होती है, नमी और तापमान नियंत्रित रहता है, जिससे उत्पादन स्थिर रहता है।

 

केंद्रीय मंत्री ने सरसों जैसी तिलहन फसलों को बढ़ावा देने की अपील की और कहा कि इससे किसानों की आय बढ़ेगी और देश खाद्य तेल के आयात पर निर्भरता कम कर सकेगा। उन्होंने ग्रामीणों के सुझावों का उल्लेख करते हुए तिलहन उत्पादन को “देश सेवा” बताया।

 

इस दौरान शिवराज सिंह चौहान ने बड़ा ऐलान करते हुए कहा कि तुअर, उड़द, मसूर और चना जैसी दलहन फसलों की पूरी खरीद न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) पर की जाएगी, बशर्ते किसान रजिस्ट्रेशन कराएं। इसके जरिए दालों के दाम स्थिर रहेंगे और देश की प्रोटीन सुरक्षा मजबूत होगी।

 

रणसिंह कलां की पंचायत की प्रशंसा करते हुए केंद्रीय मंत्री ने कहा कि गांव ने पर्यावरण-संवेदनशील खेती, नशामुक्ति, फसल विविधिकरण और सामुदायिक भागीदारी में मिसाल पेश की है। उन्होंने गांववासियों के आतिथ्य का भी उल्लेख किया और कहा कि पंजाब की देसी मक्के की रोटी यहां के स्नेह और संस्कारों की प्रतीक है।

 

अंत में शिवराज सिंह चौहान ने कहा कि वास्तविक विकास खेतों में जाकर किसानों से सीधी बातचीत से ही संभव है, इसलिए वे लगातार गांवों का दौरा कर रहे हैं। उन्होंने आश्वस्त किया कि पंजाब के किसानों से मिले फीडबैक को नीतियों में शामिल कर खेती को और अधिक लाभकारी तथा पर्यावरण हितैषी बनाया जाएगा।