भारत-इस्राइल के बीच एफटीए वार्ता होगी शुरू, GTRI ने कहा- रणनीतिक साझेदारी है मुख्य लाभ
- दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- November 25, 2025
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नई दिल्ली। जीटीआरआई की रिपोर्ट के अनुसार भारत-इस्राइल के बीच चल रहे एफटीए वार्ता का मुख्य फोकस रणनीतिक रिश्तों को मजबूत करना होगा।दोनों देशों के बाजार छोटे हैं और उनकी मांग भी सीमित है। इसलिए अगर एफटीए पूरा हो भी जाता है, तो सामानों के व्यापार में बहुत बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है।
भारत-इस्राइल के बीच चल रहे एफटीए वार्ता का सबसे बड़ा फायदा माल-व्यापार को नहीं, बल्कि दोनों देशों के रणनीतिक रिश्तों को मजबूत करने में होगा। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने अपने रिपोर्ट में यह दावा किया है।
दोनों देशों के बाजार में है सीमित मांग
जीटीआरआई के मुताबिक, दोनों देशों के बाजार छोटे हैं और उनकी मांग भी सीमित है। इसलिए अगर एफटीए पूरा हो भी जाता है, तो सामानों के व्यापार में बहुत बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है। संस्था ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि दोनों देशों के लिए यह समझौता असल में रणनीतिक सहयोग बढ़ाने का मौका है। FTA के बाद भी सामानों के व्यापार में तेज बढ़ोतरी होना मुश्किल है।
इस्राइल, एक उच्च आय और प्रौद्योगिकी-संचालित अर्थव्यवस्था है। इसकी जनसंख्या 10 मिलियन से भी कम है। यह देश भारत के कपड़ा, ऑटोमोबाइल और सामान्य इंजीनियरिंग वस्तुओं जैसे बड़े पैमाने पर निर्यात के लिए सीमित संभावनाएं प्रदान करता है।
दोनों देशों के बाजार में है सीमित मांग
जीटीआरआई के मुताबिक, दोनों देशों के बाजार छोटे हैं और उनकी मांग भी सीमित है। इसलिए अगर एफटीए पूरा हो भी जाता है, तो सामानों के व्यापार में बहुत बड़ी बढ़ोतरी की उम्मीद नहीं है। संस्था ने अपनी रिपोर्ट में लिखा कि दोनों देशों के लिए यह समझौता असल में रणनीतिक सहयोग बढ़ाने का मौका है। FTA के बाद भी सामानों के व्यापार में तेज बढ़ोतरी होना मुश्किल है।
इस्राइल, एक उच्च आय और प्रौद्योगिकी-संचालित अर्थव्यवस्था है। इसकी जनसंख्या 10 मिलियन से भी कम है। यह देश भारत के कपड़ा, ऑटोमोबाइल और सामान्य इंजीनियरिंग वस्तुओं जैसे बड़े पैमाने पर निर्यात के लिए सीमित संभावनाएं प्रदान करता है।
