संसद के शीतकालीन सत्र से पहले कांग्रेस ने की सर्वदलीय बैठक की मांग
- दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- November 13, 2025
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नई दिल्ली। दिल्ली ब्लास्ट के बाद कांग्रेस ने आज गुरुवार को एक सर्वदलीय बैठक बुलाए जाने की मांग की है। विपक्षी दल ने मांग की है कि एक दिसंबर से शुरू होने वाले संसद के शीतकालीन सत्र को समय से पहले इस बैठक को बुलाया जाए ताकि इस घटना पर बहस हो सके।
कांग्रेस ने गुरुवार को लाल किले के पास हुए विस्फोट की घटना को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक बुलाई जाने की मांग की। साथ ही कांग्रेस ने कहा कि एक दिसंबर से शुरू हो रहे संसद के शीतकालीन सत्र को और पहले शुरू किया जाए ताकि इस विषय पर पूरी चर्चा हो सके।
कांग्रेस ने उठाए कई सवाल
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने दिल्ली ब्लास्ट को लेकर यह सवाल किया कि सरकार को इसे आतंकी हमला करार देने में देरी क्यों हुई। समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में पवन खेड़ा ने कहा, ”सरकार को इसे आतंकी हमला करार देने में 48 घंटे लग गए। यह देरी क्यों हुई, यह हमारा पहला सवाल है। हमारा दूसरा सवाल यह है कि पहलगाम के बाद प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसी भी आतंकी कार्रवाई को युद्ध माना जाएगा, हम जानना चाहते हैं कि इस पर क्या स्थिति है?
जल्द बुलाया जाए शीतकालीन सत्र
पवन खेड़ा ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ”हमने संसद का सत्र पहले बुलाने की भी मांग की है ताकि संसद इस पर चर्चा कर सके। देश को इसी तरह के विश्वास की जरूरत है, हमें इस देश में विश्वास बहाल करने की जरूरत है। यह महज सर्वदलीय बैठक और संसद सत्र के माध्यम से ही किया जा सकता है।
कांग्रेस ने उठाए कई सवाल
कांग्रेस के मीडिया विभाग के प्रमुख पवन खेड़ा ने दिल्ली ब्लास्ट को लेकर यह सवाल किया कि सरकार को इसे आतंकी हमला करार देने में देरी क्यों हुई। समाचार एजेंसी एएनआई के साथ बातचीत में पवन खेड़ा ने कहा, ”सरकार को इसे आतंकी हमला करार देने में 48 घंटे लग गए। यह देरी क्यों हुई, यह हमारा पहला सवाल है। हमारा दूसरा सवाल यह है कि पहलगाम के बाद प्रधानमंत्री ने कहा था कि किसी भी आतंकी कार्रवाई को युद्ध माना जाएगा, हम जानना चाहते हैं कि इस पर क्या स्थिति है?
जल्द बुलाया जाए शीतकालीन सत्र
पवन खेड़ा ने मांग की कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में एक सर्वदलीय बैठक होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ”हमने संसद का सत्र पहले बुलाने की भी मांग की है ताकि संसद इस पर चर्चा कर सके। देश को इसी तरह के विश्वास की जरूरत है, हमें इस देश में विश्वास बहाल करने की जरूरत है। यह महज सर्वदलीय बैठक और संसद सत्र के माध्यम से ही किया जा सकता है।
