ओडिशा में केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह की अध्यक्षता में हुई पीएम धन धान्य कृषि योजना, दलहन मिशन व राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन की बैठक
भुवनेश्वर/नई दिल्ली- केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण और ग्रामीण विकास मंत्री शिवराज सिंह चौहान के ओडिशा प्रवास के दौरान उनकी अध्यक्षता में प्रधानमंत्री धन धान्य कृषि योजना, दलहन आत्मनिर्भरता मिशन और राष्ट्रीय प्राकृतिक खेती मिशन के प्रभावी क्रियान्वयन की रणनीति पर विस्तृत चर्चा हुई। इस बैठक में ओडिशा के उप मुख्यमंत्री व कृषि मंत्री कनक वर्धन सिंह देव, केंद्र व राज्य के वरिष्ठ अधिकारी, केंद्रीय कृषि सचिव और भारतीय कृषि अनुसंधान परिषद के महानिदेशक शामिल हुए।

केंद्रीय कृषि मंत्री शिवराज सिंह ने कहा कि केंद्र सरकार की योजनाएं राज्य सरकार के माध्यम से किसानों की जिंदगी बदलने का काम करेंगी। उन्होंने कहा कि केवल दिल्ली में बैठकर योजनाएं बनाने से किसानों का भला नहीं होगा, बल्कि खेतों में जाकर किसानों से सीधे संवाद जरूरी है। उन्होंने बताया कि प्राकृतिक खेती करने वाले किसान उत्कृष्ट कार्य कर रहे हैं, लेकिन उपज बेचने में उन्हें उचित मूल्य नहीं मिल पाता। इसलिए ऐसा तंत्र तैयार किया जाएगा जिससे किसानों को सही दाम मिले और उपभोक्ताओं को सस्ती दर पर उत्पाद प्राप्त हों।

शिवराज सिंह ने कहा कि वैज्ञानिक यह सुनिश्चित करें कि किसानों को बेहतर किस्म की फसलें मिलें। ओडिशा की जलवायु दलहन उत्पादन के लिए उपयुक्त है। दलहन मिशन के तहत केंद्र सरकार किसानों को अच्छे बीज और आधुनिक तकनीक की ट्रेनिंग देगी, साथ ही दाल मिल लगाने के लिए 25-25 लाख रुपये की सहायता प्रदान की जाएगी। मिशन के तहत उड़द, अरहर और मसूर की खरीदी केंद्र द्वारा की जाएगी।

केंद्रीय मंत्री ने कहा कि खेती को जहरीले रसायनों से मुक्त कर प्राकृतिक खेती को बढ़ावा देना जरूरी है, ताकि मनुष्य और धरती दोनों स्वस्थ रहें। उन्होंने कहा कि पीएम धन धान्य कृषि योजना कम उत्पादन वाले जिलों में कृषि उत्पादकता बढ़ाने के लिए लाई गई है, जिससे ओडिशा के किसान लाभान्वित होंगे। उन्होंने किसानों से इंटीग्रेटेड फार्मिंग अपनाने का आह्वान किया ताकि उनकी आय बढ़े।
शिवराज सिंह ने कहा कि किसानों के व्यापक लाभ के लिए फसलों का विविधीकरण आवश्यक है। प्रधानमंत्री किसान सम्मान निधि के तहत केंद्र सरकार द्वारा किसानों को आर्थिक सहायता दी जा रही है, जिसमें राज्य सरकार भी अपना अंश जोड़ रही है। इससे किसानों को कुल 10 हजार रुपये की सहायता मिल रही है।
उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में देश गरीबी मुक्त होने की दिशा में आगे बढ़ रहा है। स्वयं सहायता समूहों के माध्यम से महिलाएं आत्मनिर्भर बन रही हैं। अब तक दो करोड़ महिलाएं लखपति दीदियां बन चुकी हैं और जल्द ही यह संख्या तीन करोड़ पार कर जाएगी। लक्ष्य है कि दस करोड़ महिलाएं लखपति दीदियां बनें।
आईसीएआर के भारतीय चावल अनुसंधान संस्थान (सीआरआरआई), कटक में आयोजित इस रणनीति बैठक में किसान और वैज्ञानिकों ने कृषि को समृद्ध बनाने के लिए अपने सुझाव प्रस्तुत किए। बैठक में केंद्रीय मंत्री शिवराज सिंह ने ओडिशा के नवाचारी और प्रगतिशील किसानों को सम्मानित भी किया।
