वेटिंलेटर पर आखिरी सांसें गिन रहा नक्सलवाद, 2025 में अब तक 270 नक्सली ढेर
नई दिल्ली। नक्सलवाद अब वेटिंलेटर पर आखिरी सांसें गिन रहा है।
2004-2014 के दशक में नक्सल ऑपरेशन में बलिदान हुए जवानों की संख्या 1851 थी। 2014-2024 के दशक में यह आंकड़ा 509 जवान रहा। इस तरह इसमें 73 प्रतिशत की कमी आई। साल 2025 में सुरक्षाबलों ने 270 नक्सलियों को ढेर किया और 680 को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान 1225 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
नक्सली हिंसा में 53 प्रतिशत की कमी
एक समय देश के बड़े हिस्से तक फैल चुका नक्सलवाद आज अपनी आखिरी सांसें गिन रहा है। सरकार ने बताया कि बीते एक दशक में नक्सली हिंसा में 53 प्रतिशत की कमी आई है और अब नक्सल प्रभावित जिलों की संख्या भी 126 से घटकर सिर्फ 18 रह गई है। नक्सली हिंसा में मरने वाले आम नागरिकों की संख्या में भी 70 प्रतिशत की गिरावट आई है। सरकार के नक्सलियों पर कसते शिकंजे का ही असर है कि अक्तूबर 2025 में 1225 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया और इस दौरान विभिन्न ऑपरेश में 270 नक्सली मारे गए।
सरकार ने जारी किए आंकड़ें
नक्सलवाद के खिलाफ केंद्र सरकार सुरक्षा, विकास और पुनर्वास की समन्वित रणनीति से बुनियादी बदलाव लेकर आई है। सरकार ने मार्च 2026 तक देश को नक्सलवाद से मुक्त करने का लक्ष्य रखा है। सरकार ने जो आंकड़ें पेश किए हैं, उनके मुताबिक साल 2004 से 2014 के बीच देश में नक्सली हिंसा की 16,463 घटनाएं हुईं, जो 2014-2024 में ये घटकर 7,744 रह गईं। इस तरह नक्सली हिंसा में बीते दशक की तुलना में 53 फीसदी की गिरावट आई है। 2004-2014 के दशक में नक्सल ऑपरेशन में बलिदान हुए जवानों की संख्या 1851 थी, और 2014-2024 के दशक में यह आंकड़ा 509 जवान रहा। इस तरह इसमें 73 प्रतिशत की कमी आई। साल 2025 में सुरक्षाबलों ने 270 नक्सलियों को ढेर किया और 680 को गिरफ्तार किया गया। इस दौरान 1225 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया।
