फतेहपुर पहुंचे राहुल गांधी से हरिओम के परिजनों ने मिलने से किया इनकार

 फतेहपुर पहुंचे राहुल गांधी से हरिओम के परिजनों ने मिलने से किया इनकार

कानपुर। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी आज सुबह चकेरी एयरपोर्ट पहुंचे। उन्होंने दिवंगत पार्टी नेताओं नरेश त्रिपाठी और अब्दुल मन्नान के बेटों से मुलाकात की। इसके बाद वह फतेहपुर में हरिओम वाल्मीकि हत्याकांड के परिजनों से मिलने के लिए पहुंचे हैं।

कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद राहुल गांधी शुक्रवार सुबह चकेरी एयरपोर्ट पहुंचे। वह यहां से फतेहपुर में हरिओम वाल्मीकि की हत्या के पीड़ित परिजनों से मिलने के लिए रवाना हुए। इससे पहले उन्होंने कानपुर में दिवंगत कांग्रेस नेताओं के परिजनों से मुलाकात की।

एयरपोर्ट पर राहुल गांधी ने दिवंगत पार्टी नेता नरेश त्रिपाठी के बेटे और दिवंगत नेता अब्दुल मन्नान के बेटे से मुलाकात कर उन्हें सांत्वना दी। इस मौके पर प्रदेश अध्यक्ष अजय राय, आराधना शुक्ला, अविनाश पांडेय और सांसद किशोरी लाल शर्मा सहित बड़ी संख्या में कांग्रेसियों ने उनका स्वागत किया।

हरिओम वाल्मीकि के परिजनों से मिलने पहुंचे

इस मौके पर एयरपोर्ट पर सुरक्षा और प्रशासनिक अधिकारी भी मौजूद रहे। इसके बाद राहुल गांधी ऊंचाहार हत्याकांड में मारे गए हरिओम वाल्मीकि के परिजनों से मिलने के लिए फतेहपुर पहुंच गए लेकिन परिजनों ने राहुल गांधी से मिलने से ही मना कर दिया।

परिजनों को मिलने से इनकार, राजनीति करने न आएं

ऊंचाहार हत्याकांड के मृतक हरिओम वाल्मीकि के परिवार ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी से मिलने से इनकार कर दिया है। यह निर्णय ऐसे समय में आया है, जब इस घटना को लेकर पहले ही काफी राजनीति गरमा चुकी है। मृतक के भाई शिवम ने कहा है कि मैं सरकार की कार्रवाई से संतुष्ट हूं। मेरे भाई के हत्यारों को जेल भेजा गया है और बहन को नौकरी भी दी गई है। हम चाहते हैं कि कांग्रेस और अन्य राजनैतिक पार्टियों के नेता राजनीति करने न आएं। माना जा रहा है कि परिवार अब राजनीतिक हस्तक्षेप से दूर रहना चाहता है, क्योंकि मामले में प्रशासन ने त्वरित कार्रवाई की है।

जिला प्रशासन ने परिवार पर दबाव बनाया

कांग्रेस प्रदेश महासचिव विवेकानंद पाठक ने कहा कि जो बयान आया है। उससे साफ पता चल रहा है कि प्रदेश सरकार की शह पर जिला प्रशासन ने परिवार पर दबाव बनाया है। परिजन डरे और सहमे हुए हैं। ऐसा नहीं होता है कि कोई किसी के दुख में शामिल होने आए और वो मना कर दे। यह भारतीय जनता पार्टी और उप्र सरकार की ओछी राजनीति है। राहुल गांधी जरूर आएंगे और परिजनों से मिलेंगे।