गुरु गोबिंद सिंह जी के जोड़ो साहिब की ऐतिहासिक यात्रा दिल्ली से पटना साहिब तक 1500 किमी का नौ दिवसीय नगर कीर्तन

 गुरु गोबिंद सिंह जी के जोड़ो साहिब की ऐतिहासिक यात्रा दिल्ली से पटना साहिब तक 1500 किमी का नौ दिवसीय नगर कीर्तन

नई दिल्ली – सिख समुदाय के लिए गर्व और आस्था का क्षण जल्द आने वाला है केंद्रीय पेट्रोलियम और प्राकृतिक गैस मंत्री हरदीप सिंह पुरी ने घोषणा की कि गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज और माता साहिब कौर जी के जोड़ो साहिब को दिल्ली से गुरुद्वारा पटना साहिब बिहार तक नौ दिवसीय नगर कीर्तन के माध्यम से ले जाया जाएगा करीब 1500 किलोमीटर लंबी यह यात्रा दिवाली के बाद शुरू होगी और दिल्ली हरियाणा उत्तर प्रदेश और बिहार से होकर गुजरेगी यह यात्रा गुरु जी की आध्यात्मिक विरासत और शिक्षाओं के प्रति श्रद्धांजलि के रूप में आयोजित की जा रही है नगर कीर्तन के मार्ग में फरीदाबाद आगरा बरेली मडनापुर लखीमपुर कानपुर और प्रयागराज जैसे प्रमुख शहरों में ठहराव होगा

आयोजन की जिम्मेदारी दिल्ली सिख गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी डीएसजीएमसी के पास है जबकि शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी एसजीपीसी को भी इस ऐतिहासिक यात्रा में भाग लेने के लिए आमंत्रित किया गया है

 

पुरी ने बताया कि जोड़ो साहिब में गुरु गोबिंद सिंह जी महाराज का दाहिना जूता 11×3.5 इंच और माता साहिब कौर जी का बायां जूता 9×3 इंच शामिल है यह पावन निशानी लगभग 300 वर्षों से पुरी परिवार की अभिरक्षा में रही है पुरी परिवार की ओर से मनप्रीत सिंह पुरी ने इसके सुरक्षित सार्वजनिक प्रदर्शन और प्रतिष्ठापन की प्रक्रिया आगे बढ़ाने का अनुरोध किया था संस्कृति मंत्रालय के अधीन इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र आईजीएनसीए ने जोड़ो साहिब का वैज्ञानिक परीक्षण किया अप्रैल 2024 में जारी रिपोर्ट में कार्बन डेटिंग और ऐतिहासिक विश्लेषण के माध्यम से इसकी प्रामाणिकता की पुष्टि की गई इसके बाद प्रोफेसर सिमरित कौर प्राचार्या श्री राम कॉलेज ऑफ कॉमर्स की अध्यक्षता में गठित समिति ने अनुशंसा की कि इस पवित्र निशानी को स्थायी रूप से गुरुद्वारा पटना साहिब में प्रतिष्ठित किया जाए समिति का प्रतिवेदन प्रधानमंत्री कार्यालय को प्रस्तुत किया गया था हरदीप सिंह पुरी ने समिति के सभी सदस्यों विशेषज्ञों और सिख संस्थाओं का आभार व्यक्त करते हुए कहा यह पहल गुरु साहिब के जीवन शिक्षाओं और हमारी सांस्कृतिक धरोहर से जुड़ी एक आध्यात्मिक यात्रा का प्रतीक है आस्था इतिहास और संस्कृति के संगम से जुड़ी यह यात्रा सिख समुदाय ही नहीं पूरे देश के लिए गर्व का अवसर होगी