करवा चौथ पर 25,000 करोड़ रुपये के व्यापार का अनुमान, अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्टर डोज

 करवा चौथ पर 25,000 करोड़ रुपये के व्यापार का अनुमान, अर्थव्यवस्था को मिलेगा बूस्टर डोज
नई दिल्ली। पारंपरिक भारतीय संस्कृति में करवा चौथ का विशेष महत्व है। यह पर्व नारी शक्ति के त्याग, समर्पण और प्रेम का प्रतीक है। हर वर्ष यह दिन विवाहित महिलाएँ अपने पति की दीर्घायु और सुख-समृद्धि के लिए निर्जला व्रत रखकर मनाती हैं। यह परंपरा भारतीय परिवार व्यवस्था की सुदृढ़ता और भावनात्मक जुड़ाव को दर्शाती है। चांदनी चौक से सांसद तथा कॉन्फ़ेडरेशन ऑफ़ ऑल इंडिया ट्रेडर्स ( कैट) के राष्ट्रीय महामंत्री प्रवीन खंडेलवाल ने देश भर के लोगों ख़ास तौर पर व्यापारियों से अपील की है कि वो भी अपनी पत्नी के सम्मान में करवा चौथ का व्रत रखें। खंडेलवाल ने कहा, इस पर्व से भारतीय अर्थव्यवस्था को बूस्ट मिलेगा। कैट ने करवा चौथ पर देश में 25 हजार करोड़ रुपए के व्यापार का अनुमान लगाया है।
खंडेलवाल ने कहा कि आज के समय में करवा चौथ केवल एक धार्मिक अनुष्ठान नहीं, बल्कि एक भावनात्मक अवसर है, जो वैवाहिक रिश्ते में समानता और पारस्परिक सम्मान का संदेश देता है। जिस प्रकार महिलाएं अपने पतियों के दीर्घ जीवन के लिए उपवास रखती हैं, उसी प्रकार पुरुषों को भी अपनी पत्नियों के स्वास्थ्य, दीर्घायु और खुशहाली के लिए व्रत रखना चाहिए। यह कदम न केवल प्रेम की अभिव्यक्ति है, बल्कि सच्चे अर्थों में ‘जेंडर इक्वैलिटी’ और परस्पर सम्मान का परिचायक है।