बिहार में नए वोटर कार्ड से मतदाता कर सकेंगे मतदान? बिहार चुनाव 22 नवंबर से पहले
पटना। बिहार विधानसभा चुनाव के पहले मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण की शुरुआत में बताया गया था कि वोटर कार्ड बदले जाएंगे। अब मुख्य निर्वाचन आयुक्त ने स्पष्ट किया है कि किन वोटरों के वोटर कार्ड आयोग भेजने वाला है। बिहार विधानसभा चुनाव से पहले हुए मतदाताओं के विशेष गहन पुनरीक्षण के बाद आम मतदाताओं के मन में बड़ा सवाल था कि वोटर कार्ड बदल दिए जाएंगे? पहले वाले वोटर कार्ड बेकार हो जाएंगे? ऐसा सवाल इसलिए भी था क्योंकि विशेष गहन पुनपरीक्षण में 2003 के बाद मतदाता सूची में शामिल वोटरों को अपने कागज और तस्वीर भी देनी थी। कहा भी गया था कि उनका डाटा उसी हिसाब से अपडेट किया जाएगा। अब देश के मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने साफ किया है कि जिन मतदाताओं की जानकारी में किसी तरह का अपडेट या बदलाव हुआ है, उन्हें नया वोटर कार्ड जारी किया जाएगा। बाकी को इसकी जरूरत नहीं पड़ेगी। उन्होंने बताया कि प्रावधान के तहत 22 नवंबर से पहले नई सरकार के लिए चुनाव हो जाना है और इसी हिसाब से आयोग काम कर रहा है।
बाकी दस्तावेजों के आधार भी डाल सकते हैं बिहार चुनाव में वोट
दो दिवसीय दौरे के बाद पटना से लौटने के पहले मीडिया से बातचीत में मुख्य चुनाव आयुक्त ने साफ कहा- “जिनके वोटर कार्ड के डाटा में कोई परिवर्तन होगा, उन्हें 15 दिनों के अंदर ईपिक, यानी वोटर कार्ड मिल जाएगा। जिनके पास पुराने वोटर कार्ड हैं और डाटा में कोई बदलाव नहीं है, वह उसी को सही मानेंगे। मतदान करने के लिए बाकी जिन दस्तावेजों को पहले से मान्य रखा गया था, वह आगे भी कायम रहेंगे।” मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि अयोग्य वोटरों को हटाने और योग्य वोटरों को शामिल करने के लिए चलाए गए गहन विशेष पुनरीक्षण का परिणाम बहुत स्पष्ट और संतोषजनक रहा है। अब भी कोई अयोग्य जुड़ा हुआ है या योग्य छूटा हुआ है तो उसका नाम हटाने-जोड़ने की प्रकिया चलती रहेगी। चुनाव के बाद यह प्रक्रिया अगले आदेश तक के लिए बंद हो जाएगी।
दो दिवसीय दौरे के बाद पटना से लौटने के पहले मीडिया से बातचीत में मुख्य चुनाव आयुक्त ने साफ कहा- “जिनके वोटर कार्ड के डाटा में कोई परिवर्तन होगा, उन्हें 15 दिनों के अंदर ईपिक, यानी वोटर कार्ड मिल जाएगा। जिनके पास पुराने वोटर कार्ड हैं और डाटा में कोई बदलाव नहीं है, वह उसी को सही मानेंगे। मतदान करने के लिए बाकी जिन दस्तावेजों को पहले से मान्य रखा गया था, वह आगे भी कायम रहेंगे।” मुख्य चुनाव आयुक्त ज्ञानेश कुमार ने कहा कि अयोग्य वोटरों को हटाने और योग्य वोटरों को शामिल करने के लिए चलाए गए गहन विशेष पुनरीक्षण का परिणाम बहुत स्पष्ट और संतोषजनक रहा है। अब भी कोई अयोग्य जुड़ा हुआ है या योग्य छूटा हुआ है तो उसका नाम हटाने-जोड़ने की प्रकिया चलती रहेगी। चुनाव के बाद यह प्रक्रिया अगले आदेश तक के लिए बंद हो जाएगी।
