बैंकों में 1.84 लाख करोड़ रुपये की अनक्लेम्ड संपत्तियां, वित्तमंत्री ने बताया कैसे मिलेगा हक
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- October 5, 2025
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नई दिल्ली। बैंकों और नियामकों के पास 1.84 लाख करोड़ रुपए की वित्तीय संपत्ति बिना दावे के पड़ी है। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने शनिवार को यह जानकारी दी। उन्होंन कहा कि अधिकरिरयों को यह सुनिश्चित करने की जरूरत है कि ये सही मालिकों तक पहुंचें। सीतारमण ने गुजरात के गाधीनगर से तीन महीने लंबी ‘आपकी पूंजी, आपका अधिकार’ अभियान का शुभारंभ किया। इस अवसर पर गुजरात के वित्त मंत्री कनुभाई देसाई और बैंकों व वित्त मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारी मौजूद रहे।
तीन ए अपनाने की अपील
सीतारमण ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे तीन ए, जागरूकता, पहुंच और कार्यवाही पर काम करें ताकि यह राशि सही हकदारों तक पहुंचे। पहला ‘ए’ जागरूकता फैलाएं। उन्हें बताएं कि आपका पैसा वहां पड़ा है, इस दस्तावेज के साथ आएं और इसे ले जाएं। आप राजदूत बन सकते हैं और लोगों को बता सकते हैं कि क्या उन्होंने अभी तक अपनी जायज संपत्ति का दावा नहीं किया है। बस उनसे कहें कि वे अपने दस्तावेज ढूंढ़ें और पोर्टल पर पंजीकरण कराएं।
मंत्री ने आगे कहा कि, आरबीआई के यूडीजीएएम पोर्टल या इस उद्देश्य के लिए बैंकों द्वारा बनाए गए स्टॉलों के माध्यम से, उन सही दावेदारों तक पहुंच प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि “तीसरा ए एक्शन है, जहां आप (अधिकारी) जो कुछ भी आपके पास है, जैसे कागज के छोटे टुकड़े, उस पर कार्रवाई करते हैं। उन्होंने कहा कि एकजुट प्रयास से अभियान सफल होगा।
यूडीजीएएम पोर्टल
आरबीआई ने UDGAM पोर्टल बनाया है, जिसके जरिए लोग अपनी अनक्लेम्ड जमा राशि का पता लगा सकते हैं। सीतारमण ने अधिकारियों से लोगों में जागरूकता फैलाने और उन्हें पोर्टल या बैंक स्टाल के माध्यम से संपत्ति वापस लेने में मदद करने का आग्रह किया।
दावा न की गई राशि ट्रांसफर हो सकती है
वित्त मंत्री ने बताया कि अनक्लेम्ड राशि बैंक, आरबीआई या आईईपीएफ में सुरक्षित है और उचित दस्तावेज पेश करने पर इसे लिया जा सकता है। अगर संपत्ति लंबे समय तक दावा न की जाए तो यह एक संस्था से दूसरी संस्था में ट्रांसफर हो जाती है। सीतारमण ने गुजरात ग्रामीण बैंक की भी सराहना की, जिसने उन्हें आश्वासन दिया था कि उसके अधिकारी राज्य के प्रत्येक गांव में जाकर बैंक में पड़ी लावारिस जमा राशि के असली मालिकों की तलाश करेंगे।
सीतारमण ने कहा कि उन्होंने अधिकारियों से अपील की कि वे तीन ए, जागरूकता, पहुंच और कार्यवाही पर काम करें ताकि यह राशि सही हकदारों तक पहुंचे। पहला ‘ए’ जागरूकता फैलाएं। उन्हें बताएं कि आपका पैसा वहां पड़ा है, इस दस्तावेज के साथ आएं और इसे ले जाएं। आप राजदूत बन सकते हैं और लोगों को बता सकते हैं कि क्या उन्होंने अभी तक अपनी जायज संपत्ति का दावा नहीं किया है। बस उनसे कहें कि वे अपने दस्तावेज ढूंढ़ें और पोर्टल पर पंजीकरण कराएं।
मंत्री ने आगे कहा कि, आरबीआई के यूडीजीएएम पोर्टल या इस उद्देश्य के लिए बैंकों द्वारा बनाए गए स्टॉलों के माध्यम से, उन सही दावेदारों तक पहुंच प्रदान की जाएगी। उन्होंने कहा कि “तीसरा ए एक्शन है, जहां आप (अधिकारी) जो कुछ भी आपके पास है, जैसे कागज के छोटे टुकड़े, उस पर कार्रवाई करते हैं। उन्होंने कहा कि एकजुट प्रयास से अभियान सफल होगा।
यूडीजीएएम पोर्टल
आरबीआई ने UDGAM पोर्टल बनाया है, जिसके जरिए लोग अपनी अनक्लेम्ड जमा राशि का पता लगा सकते हैं। सीतारमण ने अधिकारियों से लोगों में जागरूकता फैलाने और उन्हें पोर्टल या बैंक स्टाल के माध्यम से संपत्ति वापस लेने में मदद करने का आग्रह किया।
दावा न की गई राशि ट्रांसफर हो सकती है
वित्त मंत्री ने बताया कि अनक्लेम्ड राशि बैंक, आरबीआई या आईईपीएफ में सुरक्षित है और उचित दस्तावेज पेश करने पर इसे लिया जा सकता है। अगर संपत्ति लंबे समय तक दावा न की जाए तो यह एक संस्था से दूसरी संस्था में ट्रांसफर हो जाती है। सीतारमण ने गुजरात ग्रामीण बैंक की भी सराहना की, जिसने उन्हें आश्वासन दिया था कि उसके अधिकारी राज्य के प्रत्येक गांव में जाकर बैंक में पड़ी लावारिस जमा राशि के असली मालिकों की तलाश करेंगे।
