प्रवासियों का मैक्सिको में विरोध प्रदर्शन, राजधानी की ओर पैदल मार्च
- राष्ट्रीय विदेश
Political Trust
- October 2, 2025
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मैक्सिको। दक्षिणी मैक्सिको के तपाचुला शहर में करीब 1200 प्रवासी राजधानी की ओर पैदल मार्च पर निकल पड़े हैं। इन प्रवासियों की मुख्य मांग है कि उन्हें वैध दर्जा और बेहतर रोजगार के अवसर दिए जाएं। दक्षिणी मैक्सिको में करीब 1,200 प्रवासी बुधवार तड़के राजधानी की ओर पैदल मार्च पर निकल पड़े। उनका लक्ष्य है कि वहां पहुंचकर वे अपना इमिग्रेशन स्टेटस वैध करा सकें और बेहतर रोजगार अवसर पा सकें। लंबे समय से ग्वाटेमाला सीमा के पास रुके प्रवासियों का कहना है कि दक्षिणी मैक्सिको में न काम है, न ही जीवनयापन के लिए पर्याप्त साधन।
इस प्रदर्शन में क्यूबा के प्रवासी सबसे अधिक संख्या में शामिल हैं, जबकि होंडुरास, इक्वाडोर, ब्राजील और हैती से आए लोग भी इसका हिस्सा बने हैं। पहले की तरह यह काफिला अमेरिका की ओर नहीं बढ़ रहा, बल्कि सीधे मैक्सिकन अधिकारियों पर दबाव बनाने की कोशिश कर रहा है ताकि शरण प्रक्रिया में तेजी लाई जा सके।
प्रवासियों की समस्याएं और संघर्ष
क्यूबा से आए लोसिएल सांचेज और उनकी पत्नी नवंबर में टापाचुला पहुंचे थे। उनका सपना था कि अमेरिका जाने के लिए CBP One ऐप से अपॉइंटमेंट मिल जाए, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस प्रोग्राम को खत्म किए जाने से उनका प्लान अधूरा रह गया। अब उन्होंने मैक्सिको में ही शरण लेने का फैसला किया है, लेकिन कई बार अप्लाई करने के बाद भी उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
सांचेज बताते हैं कि उन्हें एक फर्जी वकील ने धोखा दिया, जिसने पैसे लेकर मदद का वादा किया था। अब वे किराया और खर्च भी मुश्किल से उठा पा रहे हैं। इसी तरह, एक अन्य क्यूबाई प्रवासी एनेरी सोसा भी पिछले एक साल से टापाचुला में रह रही हैं। उनके दस्तावेज चोरी हो गए, जिससे उनका शरण आवेदन अधर में लटक गया। वह अपनी बेटी के लिए देखभाल करने वाला व्यक्ति ढूंढ रही हैं ताकि वह काम कर सकें।
प्रवासियों की समस्याएं और संघर्ष
क्यूबा से आए लोसिएल सांचेज और उनकी पत्नी नवंबर में टापाचुला पहुंचे थे। उनका सपना था कि अमेरिका जाने के लिए CBP One ऐप से अपॉइंटमेंट मिल जाए, लेकिन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा इस प्रोग्राम को खत्म किए जाने से उनका प्लान अधूरा रह गया। अब उन्होंने मैक्सिको में ही शरण लेने का फैसला किया है, लेकिन कई बार अप्लाई करने के बाद भी उन्हें कोई जवाब नहीं मिला।
सांचेज बताते हैं कि उन्हें एक फर्जी वकील ने धोखा दिया, जिसने पैसे लेकर मदद का वादा किया था। अब वे किराया और खर्च भी मुश्किल से उठा पा रहे हैं। इसी तरह, एक अन्य क्यूबाई प्रवासी एनेरी सोसा भी पिछले एक साल से टापाचुला में रह रही हैं। उनके दस्तावेज चोरी हो गए, जिससे उनका शरण आवेदन अधर में लटक गया। वह अपनी बेटी के लिए देखभाल करने वाला व्यक्ति ढूंढ रही हैं ताकि वह काम कर सकें।
