अमेरिका के टैरिफ से भारत का अमेरिका को निर्यात घटा, GTRI ने किया दावा
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- September 30, 2025
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नई दिल्ली। जीटीआरआई के अनुसार ट्रंप के टैरिफ के कारण अगस्त में भारत का अमेरिका को निर्यात तेजी से घटकर 6.7 अरब डॉलर रह गया, जो जुलाई की तुलना में 16.3 फीसदी की गिरावट है। यह 2025 की सबसे बड़ी मासिक गिरावट है। अगस्त की गिरावट ने घाटे को और बढ़ा दिया, जिससे निर्यातकों पर भारी दबाव पड़ा।
ट्रंप के टैरिफ के कारण अगस्त में भारत का अमेरिका को निर्यात लगातार तीसरे महीने गिरा है। ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनिशिएटिव (जीटीआरआई) ने यह जानकारी दी है। रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में निर्यात तेजी से घटकर 6.7 अरब डॉलर रह गया, जो जुलाई की तुलना में 16.3 फीसदी की गिरावट है। यह 2025 की सबसे बड़ी मासिक गिरावट है। यह गिरावट तब आई जब अमेरिका ने 27 अगस्त को भारतीय वस्तुओं पर शुल्क दोगुना कर 25 फीसदी से 50 फीसदी कर दिया।
किस महीने हुई कितनी गिरावट?
गिरावट जून में शुरू हुई। मई में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि के बाद, जिसने निर्यात को 8.8 अरब डॉलर तक पहुंचा दिया, जून में निर्यात 5.7 प्रतिशत घटकर 8.3 अरब डॉलर रह गया। जुलाई में एक और गिरावट देखी गई, जो 3.6 प्रतिशत घटकर 8.0 अरब डॉलर रह गई। अगस्त की गिरावट ने घाटे को और बढ़ा दिया, जिससे निर्यातकों पर भारी दबाव पड़ा।
जून से शुरू हुई गिरावट
जीटीआरआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि टैरिफ में बढ़ोतरी निर्यात में गिरावट को दर्शाती है। अप्रैल तक, भारतीय सामान नियमित शुल्कों के तहत अमेरिका में आते थे। 5 अप्रैल से 10 प्रतिशत सार्वभौमिक टैरिफ लगाने के वाशिंगटन के फैसले का शुरुआत में ज्यादा असर नहीं हुआ, क्योंकि खरीदारों ने मई में ही खरीदारी शुरू कर दी थी। लेकिन जून आते-आते, नए शुल्कों ने भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया और ऑर्डर दूसरे आपूर्तिकर्ताओं के पास चले गए।
किस महीने हुई कितनी गिरावट?
गिरावट जून में शुरू हुई। मई में 4.8 प्रतिशत की वृद्धि के बाद, जिसने निर्यात को 8.8 अरब डॉलर तक पहुंचा दिया, जून में निर्यात 5.7 प्रतिशत घटकर 8.3 अरब डॉलर रह गया। जुलाई में एक और गिरावट देखी गई, जो 3.6 प्रतिशत घटकर 8.0 अरब डॉलर रह गई। अगस्त की गिरावट ने घाटे को और बढ़ा दिया, जिससे निर्यातकों पर भारी दबाव पड़ा।
जून से शुरू हुई गिरावट
जीटीआरआई की रिपोर्ट में कहा गया है कि टैरिफ में बढ़ोतरी निर्यात में गिरावट को दर्शाती है। अप्रैल तक, भारतीय सामान नियमित शुल्कों के तहत अमेरिका में आते थे। 5 अप्रैल से 10 प्रतिशत सार्वभौमिक टैरिफ लगाने के वाशिंगटन के फैसले का शुरुआत में ज्यादा असर नहीं हुआ, क्योंकि खरीदारों ने मई में ही खरीदारी शुरू कर दी थी। लेकिन जून आते-आते, नए शुल्कों ने भारत की प्रतिस्पर्धात्मकता को नुकसान पहुंचाना शुरू कर दिया और ऑर्डर दूसरे आपूर्तिकर्ताओं के पास चले गए।
