रीपो रेट में नहीं होगा बदलाव, महंगाई पर दिखेगा जीएसटी कटौती का असर!
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- September 29, 2025
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नई दिल्ली। आज से भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की छह सदस्यीय मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की बैठक होने जा रही है। तीन दिवसीय बैठक में अपनी आगामी मौद्रिक नीति बैठक में यथास्थिति बनाए रखने का निर्णय कर सकती है। बैंक और अन्य वित्तीय संस्थानों के 10 अर्थशास्त्रियों के बीच बिज़नेस स्टैंडर्ड द्वारा कराए गए सर्वेक्षण में ज्यादातर ने यह अनुमान जताया है। एमपीसी की बैठक 29 सितंबर से होगी और उसके नतीजों की घोषणा 1 अक्टूबर को होगी।
अगस्त में अपरिवर्तित रखा
एमपीसी ने जून में रीपो दर में 50 आधार अंक की कटौती के बाद अगस्त में उसे अपरिवर्तित रखा था। इसके पहले समिति ने लगातार 11 बैठकों तक रीपो को यथावत रखने के बाद फरवरी और अप्रैल में 25-25 आधार अंक की कटौती की थी। मई 2022 से फरवरी 2023 तक रीपो में 250 आधार अंक की वृद्धि के बाद दरों में कटौती की गई थी।
खुदरा मुद्रास्फीति के पहले के अनुमान
मुख्य अर्थशास्त्री का मानना है कि, ‘वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती के कारण चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही से लेकर वित्त वर्ष 2027 की दूसरी तिमाही तक समग्र खुदरा मुद्रास्फीति के पहले के अनुमान में 25 से 50 आधार अंक की कमी की जा सकती है। इससे वित्त वर्ष 2026 में औसत मुद्रास्फीति लगभग 2.6 फीसदी हो जाएगी। इसी तरह अक्टूबर-नवंबर 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति में और गिरावट आ सकती है।’
‘जीएसटी कटौती से स्पष्ट रूप से मुद्रास्फीति में कमी आएगी। हालांकि यह नीतिगत बदलाव का नतीजा है और इसके साथ ही मजबूत मांग बढ़ने की संभावना है। इससे अक्टूबर की नीति समीक्षा में रीपो दर में बदलाव की उम्मीद नहीं है।’ स्टेट बैंक सहित सर्वेक्षण के प्रतिभागियों के एक वर्ग को उम्मीद है कि एमपीसी आगामी बैठक में नीतिगत दर में 25 आधार अंक की और कटौती करेगी।
एमपीसी ने जून में रीपो दर में 50 आधार अंक की कटौती के बाद अगस्त में उसे अपरिवर्तित रखा था। इसके पहले समिति ने लगातार 11 बैठकों तक रीपो को यथावत रखने के बाद फरवरी और अप्रैल में 25-25 आधार अंक की कटौती की थी। मई 2022 से फरवरी 2023 तक रीपो में 250 आधार अंक की वृद्धि के बाद दरों में कटौती की गई थी।
खुदरा मुद्रास्फीति के पहले के अनुमान
मुख्य अर्थशास्त्री का मानना है कि, ‘वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कटौती के कारण चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही से लेकर वित्त वर्ष 2027 की दूसरी तिमाही तक समग्र खुदरा मुद्रास्फीति के पहले के अनुमान में 25 से 50 आधार अंक की कमी की जा सकती है। इससे वित्त वर्ष 2026 में औसत मुद्रास्फीति लगभग 2.6 फीसदी हो जाएगी। इसी तरह अक्टूबर-नवंबर 2025 में खुदरा मुद्रास्फीति में और गिरावट आ सकती है।’
‘जीएसटी कटौती से स्पष्ट रूप से मुद्रास्फीति में कमी आएगी। हालांकि यह नीतिगत बदलाव का नतीजा है और इसके साथ ही मजबूत मांग बढ़ने की संभावना है। इससे अक्टूबर की नीति समीक्षा में रीपो दर में बदलाव की उम्मीद नहीं है।’ स्टेट बैंक सहित सर्वेक्षण के प्रतिभागियों के एक वर्ग को उम्मीद है कि एमपीसी आगामी बैठक में नीतिगत दर में 25 आधार अंक की और कटौती करेगी।
