अमेरिकी टैरिफ से घरेलू शेयर बाजार में नए निवेशक घटे, एनएसई की रिपोर्ट में खुलासा
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- September 15, 2025
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नई दिल्ली। एनएसई की रिपोर्ट के अनुसार टैरिफ संबंधी झटके के बीच अगस्त में भारतीय शेयर बाजार में नए निवेशकों की संख्या में मासिक आधार पर 18% की गिरावट आई है।अगस्त में एक्सचेंज में केवल 12.3 लाख नए निवेशक पंजीकृत हुए। यह चालू वित्त वर्ष में तीसरी बार सबसे कम मासिक वृद्धि है।
टैरिफ झटकों के कारण अगस्त में भारतीय शेयर बाजार में निवेशकों की संख्या में भारी गिरावट देखी गई है। नेशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) की रिपोर्ट के अनुसार नए निवेशकों की संख्या मासिक आधार पर 18.3 प्रतिशत कम हो गई।
रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में एक्सचेंज में केवल 12.3 लाख नए निवेशक पंजीकृत हुए। यह चालू वित्त वर्ष में तीसरी बार सबसे कम मासिक वृद्धि है। मंदी के बावजूद, एनएसई का समग्र पंजीकृत निवेशक आधार अगस्त 2025 के अंत तक 11.9 करोड़ तक बढ़ गया। यह 12 करोड़ के महत्वपूर्ण मील के पत्थर के करीब है। नई पंजीकरणों में कमी मौजूदा आर्थिक मुश्किल हालात की वजह से आई है।
टैरिफ और वैश्विक अनिश्चितताओं ने डाला असर
इसमें कहा गया है कि टैरिफ संबंधी झटके और बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच विदेशी पूंजी के निरंतर बहिर्गमन ने हाल के महीनों में निवेशकों की धारणा पर प्रभाव डाला है। कैलेंडर वर्ष 2025 की शुरुआत से, मई से जुलाई की अवधि को छोड़कर, निवेशकों की संख्या में गिरावट का रुख रहा है। अगस्त के आंकड़े इस मंदी को और बढ़ा रहे हैं। इससे शेयर बाजारों में सतर्कता का माहौल स्पष्ट हो रहा है।
रिपोर्ट के अनुसार अगस्त में एक्सचेंज में केवल 12.3 लाख नए निवेशक पंजीकृत हुए। यह चालू वित्त वर्ष में तीसरी बार सबसे कम मासिक वृद्धि है। मंदी के बावजूद, एनएसई का समग्र पंजीकृत निवेशक आधार अगस्त 2025 के अंत तक 11.9 करोड़ तक बढ़ गया। यह 12 करोड़ के महत्वपूर्ण मील के पत्थर के करीब है। नई पंजीकरणों में कमी मौजूदा आर्थिक मुश्किल हालात की वजह से आई है।
टैरिफ और वैश्विक अनिश्चितताओं ने डाला असर
इसमें कहा गया है कि टैरिफ संबंधी झटके और बढ़ती वैश्विक अनिश्चितताओं के बीच विदेशी पूंजी के निरंतर बहिर्गमन ने हाल के महीनों में निवेशकों की धारणा पर प्रभाव डाला है। कैलेंडर वर्ष 2025 की शुरुआत से, मई से जुलाई की अवधि को छोड़कर, निवेशकों की संख्या में गिरावट का रुख रहा है। अगस्त के आंकड़े इस मंदी को और बढ़ा रहे हैं। इससे शेयर बाजारों में सतर्कता का माहौल स्पष्ट हो रहा है।