फुटवियर-एफएमसीजी और ग्रॉसरी आइटम को ज्यादा फायदा, कीमतें घटने से मांग बढ़ेगी

 फुटवियर-एफएमसीजी और ग्रॉसरी आइटम को ज्यादा फायदा, कीमतें घटने से मांग बढ़ेगी
नई दिल्ली। जीएसटी सुधार भारत की खपत को नए स्तर तक ले जाएंगे। रिपोर्ट में विशेष रूप से फुटवियर, क्विक सर्विस रेस्टोरेंट्स, एफएमसीजी और ग्रॉसरी रिटेलर्स के लिए इसे सबसे बड़ा सकारात्मक बदलाव बताया गया है। वैश्विक वित्तीय सेवा कंपनी बर्नस्टीन ने अपनी रिपोर्ट में कहा है कि सबसे चौंकाने वाला कदम व्यक्तिगत देखभाल और घरेलू उपभोग वस्तुओं जैसे साबुन, शैंपू, हेयर ऑयल, पाउडर और टूथपेस्ट पर जीएसटी दर को 12%/18% से घटाकर 5% करना है। इससे एफएमसीजी कंपनियों को तुरंत मूल्य निर्धारण (प्राइसिंग) में राहत मिलेगी और उपभोक्ताओं से वसूले जाने वाले कुल मूल्य का बड़ा हिस्सा उनके पास रहेगा। रिपोर्ट में कहा गया है कि डीमार्ट, विशाल मेगा मार्ट और स्टार (ट्रेंट का हिस्सा) जैसे ग्रॉसरी रिटेलर्स और क्विक कॉमर्स फर्म्स को इससे सर्वाधिक फायदा मिलेगा, क्योंकि उपभोक्ता वस्तुओं की कीमतें घटने से मांग और तेज होगी।
परिधान पर दिखेगा असर
फुटवियर और अपैरल पर जीएसटी ढांचे को भी बदला गया है। पहले 1000 रुपये से कम मूल्य के अपैरल पर 5% और फुटवियर पर 12% जीएसटी लगता था। 1000 रुपये से ऊपर के अपैरल पर 12% और फुटवियर पर 18% दर लागू थी।
अब सुधार के बाद 1000 से 2500 रुपये तक के अपैरल और फुटवियर दोनों पर जीएसटी सिर्फ 5% रहेगा। हालांकि, 2500 रुपये से ऊपर के अपैरल पर जीएसटी 12% से बढ़ाकर 18% कर दिया गया है। (फुटवियर पर पहले से ही 18% लागू था)। बर्नस्टीन का मानना है कि यह सुधार उपभोक्ताओं की जेब में बचत बढ़ाएगा और संगठित रिटेल व एफएमसीजी सेक्टर में बिक्री में तेज उछाल ला सकता है।
कृषि, डेयरी और ग्रामीण भारत के विकास को लगेंगे पंख
सहकारिता मंत्रालय ने भी केंद्र सरकार के वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) में कमी को किसान, डेयरी उद्योग और ग्रामीण भारत के विकास के लिए अहम बताया है। मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि इस घोषणा से सहकारी संस्थाओं, किसानों और ग्रामीण उद्योग सहित 10 करोड़ से अधिक डेयरी किसानों को सीधा लाभ होगा। सहकारी क्षेत्र के सुधारों को नए आयाम मिलेंगे और वह मजबूत बनेंगे, उनके उत्पादों को अधिक प्रतिस्पर्धी बनाएंगे, उनके उत्पादों की मांग बढ़ने उनकी आय बढ़ेगी। इससे ग्रामीण उद्यमिता को बढ़ावा मिलेगा, खाद्य प्रसंस्करण क्षेत्र में सहकारिताओं को प्रोत्साहन मिलेगा और लाखों परिवारों के लिए आवश्यक वस्तुएं किफायती कीमत पर उपलब्ध हो सकेंगी।