71 साल के पति ने 65 की बीवी को शादी के 50 वर्ष बाद दिया तलाक; दिलचस्प है गुरुप्रसाद-रामदेई के बीच की कहानी
- उत्तर प्रदेश राष्ट्रीय
Political Trust
- September 6, 2025
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लखनऊ। लखनऊ में एक बड़ा दिलचस्प मामला सामने आया है। जहां 71 साल के पति ने 65 साल की बीवी को शादी के 50 साल बाद तलाक दिया है। 1975 में गुरुप्रसाद और रमदेई का विवाह हुआ था। मनमुटाव के बाद 1990 से दोनों अलग रह रहे थे। 2009 से परिवार न्यायालय में वाद चल रहा था।
दांपत्य जीवन में आपसी कहासुनी, मनमुटाव और नोकझोंक तो लगी रहती है। कई बार विवाद ज्यादा बढ़ने पर मामला तलाक तक पहुंच जाता है। अमूमन ऐसे मामले शादी के पांच-सात वर्ष के अंदर आते हैं।
राजधानी में 71 वर्षीय बुजुर्ग और 65 वर्षीय पत्नी के बीच शादी के 50 साल बात तलाक का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इन दोनों के बीच लंबे समय तक पारिवारिक न्यायालय में वाद चला।
न्यायालय की ओर से दोनों पक्षों को साथ रहने के लिए रजामंद करने की भरसक कोशिश की गई, लेकिन सभी कोशिशें नाकाम साबित हुईं। काकोरी के ग्राम कटौली के निवासी गुरुप्रसाद और मलिहाबाद के ग्राम ईशापुर की निवासी रमदेई का विवाह 1975 में हुआ था।
छोटी-छोटी बातों पर कहासुनी
शादी के कुछ साल तक सब कुठ ठीक-ठाक चला, लेकिन बाद में छोटी-छोटी बातों पर कहासुनी शुरू हो गई। 14 साल तक साथ रहने के बाद भी दोनों को कोई संतान नहीं हुई।
1990 से दोनों अलग रह रहे
1990 में मनमुटाव इतना बढ़ा कि रमदेई अपने मायके में रहने लगीं। दोनों पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहा। यह मामला 2009 में पारिवारिक न्यायालय पहुंचा। दोनों पक्ष साथ रहने के लिए राजी नहीं हुए।
26 मार्च 2025 को न्यायालय अपर प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय ने हिंदू विवाह अधिनियम के तहत विवाह विच्छेद का निर्णय सुनाया। गुरुप्रसाद ने कई बार रमदेई को साथ रखने की सहमति दी। गुरुप्रसाद का कहना था कि उन्होंने कई बार रमदेई को साथ रखने की सहमति दी, लेकिन उनकी तरफ से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। वहीं, रमदेई और उनके भाई का कहना है कि 1990 के बाद से कभी भी गुरुप्रसाद ने उन्हें साथ रखने की बात नहीं की।
आर्थिक रूप से कोई मदद नहीं
रमदेई का कहना है कि इतने वर्षों से मैं अपने भाई के पास रह रही हूं। बुढ़ापे का कोई सहारा भी नहीं है। आर्थिक रूप से कोई मदद भी नहीं मिली। गुजारा भत्ता भी कुछ समय ही मिला। अब तो पूरी उम्र गुजर गई, भला किससे गुहार लगाऊं।
राजधानी में 71 वर्षीय बुजुर्ग और 65 वर्षीय पत्नी के बीच शादी के 50 साल बात तलाक का चौंकाने वाला मामला सामने आया है। इन दोनों के बीच लंबे समय तक पारिवारिक न्यायालय में वाद चला।
न्यायालय की ओर से दोनों पक्षों को साथ रहने के लिए रजामंद करने की भरसक कोशिश की गई, लेकिन सभी कोशिशें नाकाम साबित हुईं। काकोरी के ग्राम कटौली के निवासी गुरुप्रसाद और मलिहाबाद के ग्राम ईशापुर की निवासी रमदेई का विवाह 1975 में हुआ था।
छोटी-छोटी बातों पर कहासुनी
शादी के कुछ साल तक सब कुठ ठीक-ठाक चला, लेकिन बाद में छोटी-छोटी बातों पर कहासुनी शुरू हो गई। 14 साल तक साथ रहने के बाद भी दोनों को कोई संतान नहीं हुई।
1990 से दोनों अलग रह रहे
1990 में मनमुटाव इतना बढ़ा कि रमदेई अपने मायके में रहने लगीं। दोनों पक्षों में आरोप-प्रत्यारोप का सिलसिला चलता रहा। यह मामला 2009 में पारिवारिक न्यायालय पहुंचा। दोनों पक्ष साथ रहने के लिए राजी नहीं हुए।
26 मार्च 2025 को न्यायालय अपर प्रधान न्यायाधीश पारिवारिक न्यायालय ने हिंदू विवाह अधिनियम के तहत विवाह विच्छेद का निर्णय सुनाया। गुरुप्रसाद ने कई बार रमदेई को साथ रखने की सहमति दी। गुरुप्रसाद का कहना था कि उन्होंने कई बार रमदेई को साथ रखने की सहमति दी, लेकिन उनकी तरफ से कोई सकारात्मक जवाब नहीं मिला। वहीं, रमदेई और उनके भाई का कहना है कि 1990 के बाद से कभी भी गुरुप्रसाद ने उन्हें साथ रखने की बात नहीं की।
आर्थिक रूप से कोई मदद नहीं
रमदेई का कहना है कि इतने वर्षों से मैं अपने भाई के पास रह रही हूं। बुढ़ापे का कोई सहारा भी नहीं है। आर्थिक रूप से कोई मदद भी नहीं मिली। गुजारा भत्ता भी कुछ समय ही मिला। अब तो पूरी उम्र गुजर गई, भला किससे गुहार लगाऊं।