आज हरतालिका तीज पर जानें शिव गौरी पूजा का शुभ मुहूर्त, पूजा विधि
- दिल्ली राष्ट्रीय हमारी संस्कृति
Political Trust
- August 26, 2025
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नई दिल्ली। आज हरतालिका तीज का पर्व मनाया जा रहा है। इसे तीजा के नाम से जाना जाता है। इसका व्रत भाद्रपद माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि पर रखा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, माता पार्वती ने भगवान शिव को पति रूप में पाने के लिए कठोर तपस्य की थी, जिससे प्रसन्न होकर महादेव ने पार्वती को पत्नी रूप में स्वीकार किया। तभी से यह व्रत विशेष महत्व रखता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं निर्जला उपवास रखती हैं और पति की लंभी आयु की कामना करते हुए शिव-पार्वती की पूजा करती हैं।
हरतालिका तीज पूजन सामग्री
हरतालिका तीज पर पूजन के लिए इन सामग्रियों का होना आवश्यक है। भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान गणेश की मिट्टी की प्रतिमा। पीले रंग का कपड़ा। जनेऊ, सुपारी, बेलपत्र, कलश, अक्षत, दूर्वा, घी, दही और गंगाजल,
देवी पार्वती के लिए श्रृंगार के लिए सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, कंघा, मेंहदी और कुमकुम इत्यादी।
हरतालिका तीज पर पूजा मुहूर्त
हरतालिका तीज पर पहला मुहूर्त (ब्रह्म मुहूर्त) सुबह 4 बजकर 27 मिनट से सुबह के 5:12 मिनट तक रहेगा।
दूसरा (अभिजीत मुहूर्त) सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक मान्य है।
तीसरा (विजय मुहूर्त) दोपहर में 2 बजकर 31 मिनट से दोपहर 3 बजकर 23 मिनट तक रहने वाला है।
इस बात का महिलाएं रखे ध्यान
महिलाओं को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि यदि वे मासिक धर्म में हों तो हरतालिका तीज का व्रत न करें। अगर मन से संकल्प करना चाहें, तो केवल ध्यान, मंत्र-जाप और मानसिक पूजा करें और पूजा सामग्री को छूने से बचें।
विवाद या झगड़ा अशुभ
व्रत के समय पति-पत्नी के बीच किसी प्रकार का विवाद या झगड़ा अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से व्रत का प्रभाव कम हो सकता है और नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसलिए इस दिन वातावरण को सकारात्मक बनाए रखें।
व्रत के दौरान करें इन नियमों का पालन
मान्यता है कि इस दिन महिलाओं को दिन में सोना नहीं चाहिए और रात को भी जागरण शुभ माना जाता है। भजन-कीर्तन करना और भगवान शिव-पार्वती के नाम का जाप करने से व्रत का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।
इस दिन महिलाओं को अपनी मांग खाली नहीं रखनी चाहिए, बल्कि सोलह श्रृंगार करना चाहिए। धार्मिक परंपरा के अनुसार इस दिन काले रंग के वस्त्र और चूड़ियां पहनना वर्जित होता है। इसके बजाय हरे और लाल रंग को शुभ माना गया है।
हरतालिका तीज पर पूजन के लिए इन सामग्रियों का होना आवश्यक है। भगवान शिव, देवी पार्वती और भगवान गणेश की मिट्टी की प्रतिमा। पीले रंग का कपड़ा। जनेऊ, सुपारी, बेलपत्र, कलश, अक्षत, दूर्वा, घी, दही और गंगाजल,
देवी पार्वती के लिए श्रृंगार के लिए सिंदूर, बिंदी, चूड़ी, कंघा, मेंहदी और कुमकुम इत्यादी।
हरतालिका तीज पर पूजा मुहूर्त
हरतालिका तीज पर पहला मुहूर्त (ब्रह्म मुहूर्त) सुबह 4 बजकर 27 मिनट से सुबह के 5:12 मिनट तक रहेगा।
दूसरा (अभिजीत मुहूर्त) सुबह 11 बजकर 57 मिनट से दोपहर 12 बजकर 48 मिनट तक मान्य है।
तीसरा (विजय मुहूर्त) दोपहर में 2 बजकर 31 मिनट से दोपहर 3 बजकर 23 मिनट तक रहने वाला है।
इस बात का महिलाएं रखे ध्यान
महिलाओं को इस बात का भी ध्यान रखना चाहिए कि यदि वे मासिक धर्म में हों तो हरतालिका तीज का व्रत न करें। अगर मन से संकल्प करना चाहें, तो केवल ध्यान, मंत्र-जाप और मानसिक पूजा करें और पूजा सामग्री को छूने से बचें।
विवाद या झगड़ा अशुभ
व्रत के समय पति-पत्नी के बीच किसी प्रकार का विवाद या झगड़ा अशुभ माना जाता है। ऐसा करने से व्रत का प्रभाव कम हो सकता है और नकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है। इसलिए इस दिन वातावरण को सकारात्मक बनाए रखें।
व्रत के दौरान करें इन नियमों का पालन
मान्यता है कि इस दिन महिलाओं को दिन में सोना नहीं चाहिए और रात को भी जागरण शुभ माना जाता है। भजन-कीर्तन करना और भगवान शिव-पार्वती के नाम का जाप करने से व्रत का पुण्य कई गुना बढ़ जाता है।
इस दिन महिलाओं को अपनी मांग खाली नहीं रखनी चाहिए, बल्कि सोलह श्रृंगार करना चाहिए। धार्मिक परंपरा के अनुसार इस दिन काले रंग के वस्त्र और चूड़ियां पहनना वर्जित होता है। इसके बजाय हरे और लाल रंग को शुभ माना गया है।