नदियां उफान पर, बिहार में बाढ़ से लाखों लोग प्रभावित; हिमाचल में सड़कें बंद
- दिल्ली बिहार राष्ट्रीय
Political Trust
- August 13, 2025
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नई दिल्ली। लगातार बारिश से देशभर में नदियां उफान पर हैं। बिहार में 17 लाख लोग बाढ़ से प्रभावित हुए हैं। उत्तराखंड में बदरीनाथ, हेमकुंड साहिब की यात्रा रोकनी पड़ी है। हिमाचल प्रदेश में 330 सड़कें बंद हो गई हैं। बारिश-बाढ़ जैसी आपदा के कारण जनजीवन बुरी तरह प्रभावित हुआ है।
हिमाचल प्रदेश और उत्तराखंड समेत उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे मैदानी प्रदेशों में बारिश का कहर जारी है। उत्तराखंड के धराली में तबाही के बाद अब भी मलबे में जिंदगी की तलाश चल रही है। बिहार में सैलाब ने 10 जिलों को घेर लिया है और 17 लाख से अधिक लोग प्रभावित हुए हैं। कई लोगों को घर छोड़ने पर मजबूर होना पड़ा है। उत्तर प्रदेश में भी प्रयागराज, वाराणसी और बलिया समेत कई जिलों में बाढ़ ने विकराल रूप ले लिया है। 44 जिलों में बारिश का यलो अलर्ट भी जारी है।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मुस्तैद
बिहार में चल रही भारी बारिश के कारण गंगा, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, पुनपुन और घाघरा समेत सभी छोटी-बड़ी नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इनमें से ज्यादातर नदियां भोजपुर, पटना, भागलपुर, वैशाली, लखीसराय, सारण, मुंगेर, खगड़िया और बेगूसराय और सुपौल में कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। पटना, लखीसराय, भागलपुर और खगड़िया समेत 10 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और यहां 17 लाख से अधिक लोग इससे प्रभावित हुए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 32 टीमें लगाई गई हैं। राहत शिविरों में बड़ी संख्या में लोग शरण लिए हुए हैं।
15 जिलों में बारिश, 57 में आकाशीय बिजली की आशंका
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा और प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी उफान पर है। दोनों शहरों में सभी प्रमुख घाट डूब गए हैं। नदी किनारे के निचले रिहायशी इलाकों में भी पानी भर गया है। इसके अलावा, देवरिया, गोरखपुर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बरेली और बलिया जिले में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। इस बीच, मौसम विभाग ने 15 जिलों में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज और 29 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। 57 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने की आशंका भी जताई है।
धराली पीड़ितों की मदद के लिए पहुंचे खालसा के सिंह
उत्तरकाशी के धराली में आई आपदा के पीड़ितों की मदद के लिए हजारों हाथ उठ रहे हैं। खराब रास्ते और दुश्वारियों पर मदद का जज्बा भारी पड़ रहा है। खालसा एड इंडिया चेरिटेबल ट्रस्ट के सदस्य भी बारिश, झंझावात और दरकते पहाड़ों को पार करते हुए पटियाला से उत्तरकाशी पहुंच गए। संस्था के अंतरिम वरिष्ठ प्रशासक गुरमीत सिंह ने बताया कि उनकी टीम ने लोगों को हाइजीन रखने के लिए प्रशासन को 200 किट सौंपी। इनमें सैनेटरी पैड, डाइपर, तौलिये, साबुन, टूथपेस्ट जैसी जरूरी चीजें हैं। सिंह ने बताया कि उनकी टीम धराली पहुंचकर लंगर लगाना चाहती थी, मगर भूस्खलन व खराब रास्ते जैसे खतरों को देखते हुए प्रशासन ने आगे नहीं जाने दिया। उन्होंने कहा कि वे दोबारा आएंगे और धराली में लोगों को लंगर छकाएंगे।
एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की टीमें मुस्तैद
बिहार में चल रही भारी बारिश के कारण गंगा, कोसी, बागमती, बूढ़ी गंडक, पुनपुन और घाघरा समेत सभी छोटी-बड़ी नदियों का जलस्तर बढ़ गया है। इनमें से ज्यादातर नदियां भोजपुर, पटना, भागलपुर, वैशाली, लखीसराय, सारण, मुंगेर, खगड़िया और बेगूसराय और सुपौल में कई स्थानों पर खतरे के निशान से ऊपर बह रही हैं। पटना, लखीसराय, भागलपुर और खगड़िया समेत 10 जिले बाढ़ की चपेट में हैं और यहां 17 लाख से अधिक लोग इससे प्रभावित हुए हैं। एनडीआरएफ और एसडीआरएफ की कुल 32 टीमें लगाई गई हैं। राहत शिविरों में बड़ी संख्या में लोग शरण लिए हुए हैं।
15 जिलों में बारिश, 57 में आकाशीय बिजली की आशंका
उत्तर प्रदेश के वाराणसी में गंगा और प्रयागराज में गंगा और यमुना नदी उफान पर है। दोनों शहरों में सभी प्रमुख घाट डूब गए हैं। नदी किनारे के निचले रिहायशी इलाकों में भी पानी भर गया है। इसके अलावा, देवरिया, गोरखपुर, बलरामपुर, श्रावस्ती, बहराइच, लखीमपुर खीरी, सीतापुर, बरेली और बलिया जिले में भी बाढ़ की स्थिति गंभीर हो गई है। इस बीच, मौसम विभाग ने 15 जिलों में भारी बारिश को लेकर ऑरेंज और 29 जिलों में यलो अलर्ट जारी किया है। 57 जिलों में आकाशीय बिजली गिरने की आशंका भी जताई है।
धराली पीड़ितों की मदद के लिए पहुंचे खालसा के सिंह
उत्तरकाशी के धराली में आई आपदा के पीड़ितों की मदद के लिए हजारों हाथ उठ रहे हैं। खराब रास्ते और दुश्वारियों पर मदद का जज्बा भारी पड़ रहा है। खालसा एड इंडिया चेरिटेबल ट्रस्ट के सदस्य भी बारिश, झंझावात और दरकते पहाड़ों को पार करते हुए पटियाला से उत्तरकाशी पहुंच गए। संस्था के अंतरिम वरिष्ठ प्रशासक गुरमीत सिंह ने बताया कि उनकी टीम ने लोगों को हाइजीन रखने के लिए प्रशासन को 200 किट सौंपी। इनमें सैनेटरी पैड, डाइपर, तौलिये, साबुन, टूथपेस्ट जैसी जरूरी चीजें हैं। सिंह ने बताया कि उनकी टीम धराली पहुंचकर लंगर लगाना चाहती थी, मगर भूस्खलन व खराब रास्ते जैसे खतरों को देखते हुए प्रशासन ने आगे नहीं जाने दिया। उन्होंने कहा कि वे दोबारा आएंगे और धराली में लोगों को लंगर छकाएंगे।