रियल एस्टेट उद्योग को अमेरिकी टैरिफ ने चिंता में डाला, किफायती आवास बाजार को नुकसान!

 रियल एस्टेट उद्योग को अमेरिकी टैरिफ ने चिंता में डाला, किफायती आवास बाजार को नुकसान!
नई दिल्ली। रियल एस्टेट उद्योग को अमेरिकी टैरिफ ने चिंता में डाल दिया है। 2025 की पहली छमाही में देश के सात प्रमुख शहरों में कुल 1.90 लाख मकान बिके हैं। इनमें 18 फीसदी हिस्सेदारी के 34,565 मकान किफायती श्रेणी के थे।
अमेरिकी टैरिफ शुल्क से किफायती आवास बाजार को नुकसान हो सकता है। यह बाजार पहले से ही मुश्किलों का सामना कर रहा है। जानकारों का कहना है कि किफायती आवास खरीदने वालों में बड़ी संख्या छोटे व मझोले उद्योगों में काम करने वालों की है। ट्रंप शुल्क का इन उद्योगों पर सबसे अधिक मार पड़ने की आशंका है। जिससे किफायती आवास की मांग प्रभावित हो सकती है।
नये अमेरिकी शुल्क के कारण रियल एस्टेट क्षेत्र में विदेशी निवेश के साथ-साथ किफायती आवास में निवेश करने के इच्छुक मकान खरीदारों की क्रय शक्ति में भी उद्योग को कुछ अल्पकालिक चुनौतियों का सामना करना पड़ सकता है। हम भविष्य की रणनीति को समझने के लिए अपने हितधारकों, उद्योग विशेषज्ञों और सरकार के साथ बातचीत कर रहे हैं।” साथ ही कंपनी सौहार्दपूर्ण, पारस्परिक रूप से लाभकारी समाधान की तलाश कर रही है।
किफायती आवास यानी 45 लाख रुपये और इससे कम कीमत वाले मकानों की मांग कोरोना महामारी के कारण बुरी तरह प्रभावित हुई थी। यह क्षेत्र अभी भी सुधार के लिए संघर्ष कर रहा है। अमेरिकी शुल्क इस क्षेत्र के सुधरने की उम्मीद पर पानी फेर सकता है। एनारॉक के मुताबिक 2025 की पहली छमाही में देश के 7 प्रमुख शहरों में कुल 1.90 लाख मकान बिके, इनमें 18 फीसदी हिस्सेदारी के 34,565 मकान किफायती श्रेणी के थे। 2019 में मकानों की कुल बिक्री में किफायती मकानों की हिस्सेदारी 38 फीसदी थी।