बैंक जमा दोगुना, डिजिटल लेन-देन के बीच नकदी की कमी नहीं
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- July 27, 2025
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नई दिल्ली। आरबीआई के मुताबिक देश में नकदी की कोई कमी नहीं है। बैंकों में जमा राशि दोगुना से अधिक हुई है। आरबीआई के जारी आंकड़े के मुताबिक सिर्फ बैंक ही नहीं, लोगों के पास भी भरपूर नकदी है। जनता के पास मौजूद 31,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 91,000 करोड़ रुपये की नकदी हो गई है। यह वृद्धि नीतिगत उपायों के प्रभाव के कारण हुई है। केंद्रीय बैंक ने नकदी को आसान बनाने के लिए उपाय किए थे।
डिजिटल चलन में तेजी के बावजूद देश के पास लबालब नकदी है। भारतीय रिजर्व बैंक यानी आरबीआई के मुताबिक, कर्ज देने और वास्तविक दोनों अर्थव्यवस्था में यह नकदी है। बैंकों के चालू और बचत खातों में जमा राशि जून के अंत तक दोगुनी से ज्यादा बढ़कर 3.79 लाख करोड़ रुपये हो गई।
आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ बैंक ही नहीं, लोगों के पास भी भरपूर नकदी है। जनता के पास मौजूद 31,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 91,000 करोड़ रुपये की नकदी हो गई है। यह वृद्धि नीतिगत उपायों के प्रभाव के कारण हुई है। केंद्रीय बैंक ने नकदी को आसान बनाने के लिए उपाय किए थे। ग्रामीण गतिविधियों में तेजी मुख्य रूप से नकदी पर आधारित है। साथ ही कर में रियायत भी इस नकदी का एक प्रमुख कारण है।
नकदी की यह बहार ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बढ़ती गतिविधियों से ज्यादा जुड़ी है। यह ग्रामीण खपत में वृद्धि के साथ मेल खाती है। इससे पता चलता है कि गांवों में आर्थिक गतिविधियों में मजबूत सुधार हो रहा है। जमा में बढ़ोतरी आरबीआई की ओर से खुले बाजार परिचालन (ओएमओ) खरीद के जरिये पर्याप्त तरलता प्रवाह को दर्शाती है। अप्रैल, 2025 के बाद से बैंकिंग प्रणाली की तरलता सकारात्मक हो गई है।
आरबीआई के आंकड़े बताते हैं कि सिर्फ बैंक ही नहीं, लोगों के पास भी भरपूर नकदी है। जनता के पास मौजूद 31,000 करोड़ रुपये से बढ़कर 91,000 करोड़ रुपये की नकदी हो गई है। यह वृद्धि नीतिगत उपायों के प्रभाव के कारण हुई है। केंद्रीय बैंक ने नकदी को आसान बनाने के लिए उपाय किए थे। ग्रामीण गतिविधियों में तेजी मुख्य रूप से नकदी पर आधारित है। साथ ही कर में रियायत भी इस नकदी का एक प्रमुख कारण है।
नकदी की यह बहार ग्रामीण अर्थव्यवस्था में बढ़ती गतिविधियों से ज्यादा जुड़ी है। यह ग्रामीण खपत में वृद्धि के साथ मेल खाती है। इससे पता चलता है कि गांवों में आर्थिक गतिविधियों में मजबूत सुधार हो रहा है। जमा में बढ़ोतरी आरबीआई की ओर से खुले बाजार परिचालन (ओएमओ) खरीद के जरिये पर्याप्त तरलता प्रवाह को दर्शाती है। अप्रैल, 2025 के बाद से बैंकिंग प्रणाली की तरलता सकारात्मक हो गई है।