बिहार विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली में बिछ रही सियासी बिसात
- दिल्ली राजनीति राष्ट्रीय
Political Trust
- July 25, 2025
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गलियों में लिखी जा रही जीत की इबारत
नई दिल्ली। बिहार विधानसभा चुनाव के लिए दिल्ली में सियासी बिसात बिछ रही है। इसके लिए दिल्ली की गलियों में भाजपा की जीत के लिए इबारत लिखी जा रही है।
हालांकि बिहार चुनाव इस साल के अंत में हैं लेकिन इसकी बिसात अभी से बिछाई जा रही है। राजधानी पटना से सैकड़ों किलोमीटर दूर राजधानी दिल्ली में इसके लिए भाजपा और अन्य सियासी पार्टियों में गुणा-भाग शुरू है। इसकी बड़ी वजह दिल्ली में पूर्वांचल की बड़ी संख्या में आबादी का निवास करना है। यही वजह है कि भाजपा ने दिल्ली की गलियों से बिहार में चुनाव जीतने की इबारत लिखनी शुरू कर दी है।
दिल्ली में 25 लाख पूर्वांचलवासी
प्रदेश भाजपा ने दिल्ली में बसे करीब 25 लाख पूर्वांचलवासी को चुनावी रणनीति का केंद्रीय हिस्सा बनाया है। मिशन बिहार के तहत उसने दिल्ली के पूर्वांचली बहुल इलाकों में अपने नेताओं का प्रवास कराना शुरू कर दिया है। इस दौरान एक-एक व्यक्ति से संवाद कर, उनके गांव और परिजनों की जानकारी जुटाई जा रही है।
भाजपा के पूर्वांचल मोर्चा को जिम्मेदारी
लिहाजा इस बार भाजपा का फोकस सिर्फ बिहार में रैली या पोस्टर तक सीमित नहीं है, बल्कि दिल्ली से सामाजिक-सांस्कृतिक रिश्तों के माध्यम से बिहार में सियासी संदेश पहुंचाने की रणनीति तैयार की गई है। प्रदेश भाजपा ने अपने पूर्वांचल मोर्चा को विशेष जिम्मेदारी सौंपी है।
परिवारों से मिलकर जानकारी ले रहे
पूर्वांचल मोर्चा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार, पार्टी कार्यकर्ता परिवारों से मिलकर यह जानकारी ले रहे हैं कि वे बिहार के किस जिले, कस्बे और गांव से हैं। इसके साथ ही बिहार में रह रहे उनके माता-पिता, भाई-बहन, चाचा-मामा आदि का मोबाइल नंबर, गांव का नाम और पंचायत की जानकारी भी इकट्ठा की जा रही है।
आईटी सेल और डाटा टीम भी तैयार
यह जानकारी एकत्र करने के बाद भाजपा का आईटी सेल और डाटा टीम के जरिए एक मजबूत कॉल-सेंटर नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। यह टीम गांव में रह रहे लोगों से सीधा संपर्क करेगी और भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेगी। इस अभियान में भावनात्मक अपील भी शामिल है। दिल्ली में आपके अपने सुरक्षित हैं, क्योंकि दिल्ली में भाजपा है, बिहार में भी यही भरोसा बनना चाहिए।
सांस्कृतिक और भावनात्मक पुल बनाने की कोशिश
पूर्वांचल मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि यह महज एक चुनावी योजना नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और भावनात्मक पुल बनाने की कोशिश है। पार्टी के बड़े नेताओं खासकर सांसद मनोज तिवारी आदि को भी इन क्षेत्रों में भेजा जा रहा है।
भाजपा की सियासत
प्रदेश पूर्वांचल मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में रहने वाला बिहार का एक निवासी अपने गांव में कम से कम पांच से 10 लोगों को राजनीतिक रूप से प्रभावित करता है। इसी आधार पर पार्टी ने हर परिवार, एक पोलिंग बूथ का आंतरिक नारा दिया है। इस अभियान के तहत पूर्वांचल मोर्चा के कार्यकर्ता उन इलाकों में प्रवास कर रहे हैं जहां बिहार से आए परिवारों की बड़ी आबादी रहती है। वह खास तौर पर संगम विहार, करावल नगर, बदरपुर, लक्ष्मी नगर, पालम, बवाना, किराड़ी, बुराड़ी, विकासपुरी, द्वारका आदि विधानसभा क्षेत्र में अधिक सक्रिय हैं।
हालांकि बिहार चुनाव इस साल के अंत में हैं लेकिन इसकी बिसात अभी से बिछाई जा रही है। राजधानी पटना से सैकड़ों किलोमीटर दूर राजधानी दिल्ली में इसके लिए भाजपा और अन्य सियासी पार्टियों में गुणा-भाग शुरू है। इसकी बड़ी वजह दिल्ली में पूर्वांचल की बड़ी संख्या में आबादी का निवास करना है। यही वजह है कि भाजपा ने दिल्ली की गलियों से बिहार में चुनाव जीतने की इबारत लिखनी शुरू कर दी है।
दिल्ली में 25 लाख पूर्वांचलवासी
प्रदेश भाजपा ने दिल्ली में बसे करीब 25 लाख पूर्वांचलवासी को चुनावी रणनीति का केंद्रीय हिस्सा बनाया है। मिशन बिहार के तहत उसने दिल्ली के पूर्वांचली बहुल इलाकों में अपने नेताओं का प्रवास कराना शुरू कर दिया है। इस दौरान एक-एक व्यक्ति से संवाद कर, उनके गांव और परिजनों की जानकारी जुटाई जा रही है।
भाजपा के पूर्वांचल मोर्चा को जिम्मेदारी
लिहाजा इस बार भाजपा का फोकस सिर्फ बिहार में रैली या पोस्टर तक सीमित नहीं है, बल्कि दिल्ली से सामाजिक-सांस्कृतिक रिश्तों के माध्यम से बिहार में सियासी संदेश पहुंचाने की रणनीति तैयार की गई है। प्रदेश भाजपा ने अपने पूर्वांचल मोर्चा को विशेष जिम्मेदारी सौंपी है।
परिवारों से मिलकर जानकारी ले रहे
पूर्वांचल मोर्चा के एक वरिष्ठ पदाधिकारी के अनुसार, पार्टी कार्यकर्ता परिवारों से मिलकर यह जानकारी ले रहे हैं कि वे बिहार के किस जिले, कस्बे और गांव से हैं। इसके साथ ही बिहार में रह रहे उनके माता-पिता, भाई-बहन, चाचा-मामा आदि का मोबाइल नंबर, गांव का नाम और पंचायत की जानकारी भी इकट्ठा की जा रही है।
आईटी सेल और डाटा टीम भी तैयार
यह जानकारी एकत्र करने के बाद भाजपा का आईटी सेल और डाटा टीम के जरिए एक मजबूत कॉल-सेंटर नेटवर्क तैयार किया जा रहा है। यह टीम गांव में रह रहे लोगों से सीधा संपर्क करेगी और भाजपा के पक्ष में माहौल बनाने की कोशिश करेगी। इस अभियान में भावनात्मक अपील भी शामिल है। दिल्ली में आपके अपने सुरक्षित हैं, क्योंकि दिल्ली में भाजपा है, बिहार में भी यही भरोसा बनना चाहिए।
सांस्कृतिक और भावनात्मक पुल बनाने की कोशिश
पूर्वांचल मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि यह महज एक चुनावी योजना नहीं, बल्कि सांस्कृतिक और भावनात्मक पुल बनाने की कोशिश है। पार्टी के बड़े नेताओं खासकर सांसद मनोज तिवारी आदि को भी इन क्षेत्रों में भेजा जा रहा है।
भाजपा की सियासत
प्रदेश पूर्वांचल मोर्चा के पदाधिकारियों का कहना है कि दिल्ली में रहने वाला बिहार का एक निवासी अपने गांव में कम से कम पांच से 10 लोगों को राजनीतिक रूप से प्रभावित करता है। इसी आधार पर पार्टी ने हर परिवार, एक पोलिंग बूथ का आंतरिक नारा दिया है। इस अभियान के तहत पूर्वांचल मोर्चा के कार्यकर्ता उन इलाकों में प्रवास कर रहे हैं जहां बिहार से आए परिवारों की बड़ी आबादी रहती है। वह खास तौर पर संगम विहार, करावल नगर, बदरपुर, लक्ष्मी नगर, पालम, बवाना, किराड़ी, बुराड़ी, विकासपुरी, द्वारका आदि विधानसभा क्षेत्र में अधिक सक्रिय हैं।