ब्याज दरों में आरबीआई अगस्त में कर सकता है कटौती, घट सकती है रेपो दर
- कारोबार दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- July 19, 2025
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नई दिल्ली। आरबीआई अगस्त में ब्याज दरों में कटौती कर सकता है। इसी के साथ रेपो दर भी घट सकती है। भारतीय रिजर्व बैंक(आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) आगामी अगस्त नीति बैठक में नीतिगत दर में 25 आधार अंकों (बीपीएस) की एक और कटौती कर सकती है, जिससे यह 5.25 प्रतिशत पर आ जाएगी। आईसीआईसीआई बैंक की एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है।
रिपोर्ट में बताया गया है कि भारत में विकास की संभावनाएं मिश्रित बनी हुई हैं। शहरी माँग कमज़ोर है, जबकि ग्रामीण माँग मजबूत बनी हुई है। अमेरिका को माल निर्यात में सुधार हो रहा है, लेकिन अन्य क्षेत्रों को निर्यात कमज़ोर बना हुआ है। इन प्रवृत्तियों और वर्तमान मुद्रास्फीति की स्थिति को देखते हुए, रिपोर्ट का मानना है कि अगस्त माह ब्याज दरों में कटौती के लिए सही समय है।
कहा गया है, “हमारा मानना है कि इससे नीतिगत दर में 25 आधार अंकों की अतिरिक्त कटौती की गुंजाइश बनती है, जिससे टर्मिनल दर 5.25 प्रतिशत हो जाती है। एमपीसी नीतिगत दर में कब कटौती करेगी? हमारा मानना है कि मुद्रास्फीति की धीमी स्थिति को देखते हुए अगस्त इसके लिए उपयुक्त समय होगा।”
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पिछली एमपीसी बैठक के बाद से मुद्रास्फीति अनुमान से काफी कम रही है। अब अनुमान है कि वित्त वर्ष 26 के लिए मुद्रास्फीति औसतन 2.9 प्रतिशत रहेगी, जो आरबीआई के पहले के 3.7 प्रतिशत के अनुमान से काफी कम है। मुद्रास्फीति में यह गिरावट नीतिगत ढील के लिए आगे भी रास्ता खोलती है, खासकर इसलिए क्योंकि एमपीसी ने वर्तमान में तटस्थ रुख बनाए रखा है, जिसका अर्थ है कि निर्णय आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करते हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया किया गया है कि आधार प्रभाव के कारण चौथी तिमाही और वित्त वर्ष 27 में मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका है। इसलिए, एमपीसी के लिए वर्ष के अंत में दरों में कटौती का अवसर उपलब्ध नहीं हो सकता है।
कहा गया है, “हमारा मानना है कि इससे नीतिगत दर में 25 आधार अंकों की अतिरिक्त कटौती की गुंजाइश बनती है, जिससे टर्मिनल दर 5.25 प्रतिशत हो जाती है। एमपीसी नीतिगत दर में कब कटौती करेगी? हमारा मानना है कि मुद्रास्फीति की धीमी स्थिति को देखते हुए अगस्त इसके लिए उपयुक्त समय होगा।”
रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि पिछली एमपीसी बैठक के बाद से मुद्रास्फीति अनुमान से काफी कम रही है। अब अनुमान है कि वित्त वर्ष 26 के लिए मुद्रास्फीति औसतन 2.9 प्रतिशत रहेगी, जो आरबीआई के पहले के 3.7 प्रतिशत के अनुमान से काफी कम है। मुद्रास्फीति में यह गिरावट नीतिगत ढील के लिए आगे भी रास्ता खोलती है, खासकर इसलिए क्योंकि एमपीसी ने वर्तमान में तटस्थ रुख बनाए रखा है, जिसका अर्थ है कि निर्णय आर्थिक आंकड़ों पर निर्भर करते हैं।
रिपोर्ट में यह भी बताया किया गया है कि आधार प्रभाव के कारण चौथी तिमाही और वित्त वर्ष 27 में मुद्रास्फीति बढ़ने की आशंका है। इसलिए, एमपीसी के लिए वर्ष के अंत में दरों में कटौती का अवसर उपलब्ध नहीं हो सकता है।