EPFO के कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता साफ
- दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- July 18, 2025
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अब होगी 9 हजार खाली पदों पर भर्ती
नई दिल्ली। ईपीएफओ के कर्मचारियों के प्रमोशन का रास्ता साफ हो गया है। ताजा आंकड़ों के मुताबिक ईपीएफओ में इस समय ग्रुप ए, बी और सी में 24,000 के करीब पद हैं, जिनमें से 9 हजार अभी खाली हैं।
भविष्य में कर्मचारियों की जरूरत का अनुमान लगाने, कर्मचारियों की करियर संबंधी आकांक्षाओं के साथ तालमेल करने के लिए कैडर के पुनर्गठन और अपनी सेवाओं की डिलिवरी बेहतर करने के मकसद से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की कैडर पुनर्गठन (सीआर) समिति शुक्रवार को अपने सभी एसोसिएशनों, फेडरेशनों और कर्मचारी यूनियनों के साथ बैठक करने वाला है।
दो दिन तक चलने वाली बैठक के बाद सेवानिवृत्ति कोष संगठन में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने और इसमें काम कर रहे हजारों कर्मचारियों को प्रमोशन देने का फैसला किया जा सकता है।
इस समय ईपीएफओ के 21 जोनल कार्यालय, 138 रीजनल कार्यालय, 114 जिला कार्यालय, 5 विशेष राज्य कार्यालय हैं। ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ईपीएफओ में इस समय ग्रुप ए, बी और सी में 24,000 के करीब पद हैं, जिनमें से 9 हजार पद खाली हैं।
कर्मचारी संगठन के एक सदस्य ने कहा, ‘ईपीएफओ में कैडर की समीक्षा नियमित रूप से नहीं होती, जिससे सभी श्रेणी के कर्मचारियों में स्थिरता की स्थिति बनी हुई है। दरअसल डीओपीटी और कैबिनेट सचिवालय के निर्देश के मुताबिक हर 5 साल पर कैडर की समीक्षा होनी चाहिए, जिससे विसंगतियां खत्म की जा सकें। इसके अलावा पिछले एक दशक में काम का बोझ कई गुना बढ़ा है, जिसके लिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है।’
भविष्य में कर्मचारियों की जरूरत का अनुमान लगाने, कर्मचारियों की करियर संबंधी आकांक्षाओं के साथ तालमेल करने के लिए कैडर के पुनर्गठन और अपनी सेवाओं की डिलिवरी बेहतर करने के मकसद से कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (ईपीएफओ) की कैडर पुनर्गठन (सीआर) समिति शुक्रवार को अपने सभी एसोसिएशनों, फेडरेशनों और कर्मचारी यूनियनों के साथ बैठक करने वाला है।
दो दिन तक चलने वाली बैठक के बाद सेवानिवृत्ति कोष संगठन में कर्मचारियों की संख्या बढ़ाने और इसमें काम कर रहे हजारों कर्मचारियों को प्रमोशन देने का फैसला किया जा सकता है।
इस समय ईपीएफओ के 21 जोनल कार्यालय, 138 रीजनल कार्यालय, 114 जिला कार्यालय, 5 विशेष राज्य कार्यालय हैं। ताजा सरकारी आंकड़ों के मुताबिक ईपीएफओ में इस समय ग्रुप ए, बी और सी में 24,000 के करीब पद हैं, जिनमें से 9 हजार पद खाली हैं।
कर्मचारी संगठन के एक सदस्य ने कहा, ‘ईपीएफओ में कैडर की समीक्षा नियमित रूप से नहीं होती, जिससे सभी श्रेणी के कर्मचारियों में स्थिरता की स्थिति बनी हुई है। दरअसल डीओपीटी और कैबिनेट सचिवालय के निर्देश के मुताबिक हर 5 साल पर कैडर की समीक्षा होनी चाहिए, जिससे विसंगतियां खत्म की जा सकें। इसके अलावा पिछले एक दशक में काम का बोझ कई गुना बढ़ा है, जिसके लिए कर्मचारियों की संख्या बढ़ाए जाने की जरूरत है।’