बसपा सुप्रीमो मायावती ने सरकारी स्कूलों के विलय का विरोध किया, कहा- योगी सरकार का फैसला गरीब विरोधी
- उत्तर प्रदेश राजनीति राष्ट्रीय
Political Trust
- July 2, 2025
- 0
- 68
- 1 minute read

लखनऊ। बसपा सुप्रीमो मायावती ने सरकारी स्कूलों के विलय का विरोध करते हुए इसे गरीब विरोधी फैसला करार दिया है। उन्होंने सरकार से इसे वापस लेने की अपील की है।
बसपा सुप्रीमो मायावती ने यूपी में सरकारी स्कूलों के विलय को अनुचित और गरीब विरोधी करार दिया है। उन्होंने कहा कि सरकार को इस फैसले को वापस लेना चाहिए और अगर नहीं लेती है तो बसपा की सरकार आने पर इस फैसले को निरस्त किया जाएगा। उन्होंने एक्स पर कहा कि बेसिक शिक्षा परिषद, उत्तर प्रदेश सरकार द्वारा प्राथमिक विद्यालयों के युग्मन/एकीकरण की आड़ में बहुत सारे स्कूलों को बंद करने वाला जो फैसला लिया गया है, वह गरीबों के करोड़ों बच्चों को उनके घर के पास दी जाने वाली सुगम व सस्ती सरकारी शिक्षा व्यवस्था के प्रति न्याय नहीं, बल्कि पहली नजर में ही स्पष्ट तौर पर यह अनुचित, गैर-जरूरी एवं गरीब-विरोधी प्रतीत होता है।
सरकार से अपील है कि वह अपना युग्मन/एकीकरण का यह फैसला गरीब छात्र-छात्राओं के व्यापक हित में तुरन्त वापस ले। यदि सरकार अपना यह फैसला वापस नहीं लेती है तो फिर हमारी पार्टी इनके सभी माता-पिता व अभिभावकों को यह विश्वास दिलाना चाहती है कि हमारी पार्टी बसपा की सरकार बनने पर फिर इस फैसले को रद्द करके पुनः प्रदेश में पुरानी व्यवस्था बहाल करेगी। वैसे उम्मीद है कि यूपी सरकार गरीबों व आमजन की शिक्षा के व्यापक हित के मद्देनजर अपने इस फैसले को बदलने के बारे में जरूर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।
सरकार से अपील है कि वह अपना युग्मन/एकीकरण का यह फैसला गरीब छात्र-छात्राओं के व्यापक हित में तुरन्त वापस ले। यदि सरकार अपना यह फैसला वापस नहीं लेती है तो फिर हमारी पार्टी इनके सभी माता-पिता व अभिभावकों को यह विश्वास दिलाना चाहती है कि हमारी पार्टी बसपा की सरकार बनने पर फिर इस फैसले को रद्द करके पुनः प्रदेश में पुरानी व्यवस्था बहाल करेगी। वैसे उम्मीद है कि यूपी सरकार गरीबों व आमजन की शिक्षा के व्यापक हित के मद्देनजर अपने इस फैसले को बदलने के बारे में जरूर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।