युवाओं में बढ़ रही नॉन कम्युनिकेबल बीमारियां, समय से पहले मृत्यु का खतरा  

 युवाओं में बढ़ रही नॉन कम्युनिकेबल बीमारियां, समय से पहले मृत्यु का खतरा  
नई दिल्ली। लाइफस्टाइल और खानपान में गड़बड़ी के कारण कई प्रकार की नॉन कम्युनिकेबल बीमारियों का खतरा युवाओं में बढ़ रहा है। ‘नॉन कम्युनिकेबल डिजीज’ ऐसी बीमारियां हैं जो एक व्यक्ति से दूसरे व्यक्ति में सीधे नहीं फैलती हैं।
ये रोग आमतौर पर दीर्घकालिक होते हैं और इनके लिए आनुवंशिक, शारीरिक, पर्यावरणीय स्थितियां जिम्मेदार मानी जाती हैं। इनमें हृदय रोग-डायबिटीज और कैंसर ऐसी स्वास्थ्य समस्याएं हैं। जिनका जोखिम सभी उम्र के लोगों में देखा जा रहा है। स्वास्थ्य विशेषज्ञ बताते हैं, नॉन कम्युनिकेबल डिजीज समय से पहले मृत्यु के खतरे को भी बढ़ाते जा रहे हैं।
इसी संबंध में हाल ही में इंग्लैंड में किए गए एक सर्वे में पाया गया है कि 16 वर्ष या उससे अधिक आयु के 50 में से एक व्यक्ति को समय से पहले मृत्यु का खतरा हो सकता है। इसके लिए विशेषज्ञों ने मुख्यरूप से तीन कारणों को जिम्मेदार पाया है।
स्वास्थ्य विशेषज्ञों ने कहा, धूम्रपान-शराब की आदत के साथ लोगों में बढ़ती मोटापे की समस्या, ये तीन वजहें हैं जिनके कारण लोगों में कई प्रकार की गंभीर बीमारियों का जोखिम भी तेजी से बढ़ता जा रहा है, जो असमय मृत्यु का कारण बन रही हैं।
एक वरिष्ठ चिकित्सक ने कहा कि इस “ट्रिपल खतरे” के कारण पिछले एक दशक में कैंसर और मधुमेह जैसी बीमारियों के कारण स्वास्थ्य सेवाओं पर अतिरिक्त दबाव भी बढ़ गया है। ये इतना खतरनाक है कि लोग समय से करीब 20 साल पहले मौत का शिकार हो रहे हैं, यानी इन बीमारियों ने बड़ी संख्या में लोगों की उम्र के दो दशक तक कम कर दिया है।
सर्वे में पाया गया है कि लगभग 1 करोड़ (जनसंख्या का 22%) लोगों में तीन में से दो समस्याएं (शराब-धूम्रपान या मोटापा) हैं, जबकि 33.9 मिलियन (73.6%) लोगों में कम से कम एक जोखिम कारक मौजूद हैं। अल्कोहल हेल्थ अलायंस के अध्यक्ष प्रोफेसर सर इयान गिलमोर ने कहा, यह चौंकाने वाली बात है कि इंग्लैंड में 50 में से एक वयस्क को तंबाकू, शराब और अस्वास्थ्यकर भोजन के संयोजन के कारण असमय मृत्यु का जोखिम बहुत अधिक है।