भारतीय सेना हाइपरसोनिक मिसाइल से होगी लैस, जद में आएगा पूरा पाकिस्तान और आधा चीन

 भारतीय सेना हाइपरसोनिक मिसाइल से होगी लैस, जद में आएगा पूरा पाकिस्तान और आधा चीन
नई दिल्ली। भारतीय सेना जल्द ही हाइपरसोनिक मिसाइल से लैस होगी। इस मिसाइल की तकनीक पर अभी अमेरिका, चीन और भारत काम कर रहे हैं। रूस ने यूक्रेन युद्ध के दौरान इस मिसाइल के इस्तेमाल का दावा किया था। लेकिन पश्चिमी रक्षा विश्लेषकों ने रुस के दावे को सही नहीं माना। चीन और अमेरिका ने भी अभी तक आधिकारिक रूप से इसके विकास पर कोई बयान नहीं दिया है।
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (डीआरडीओ) ने दावा किया कि ध्वनि की गति से भी पांच गुना तेज रफ्तार वाली हाइपरसोनिक मिसाइल भारत को अगले दो से तीन साल में मिल जाएगी। भारत ने पहली बार आधिकारिक रूप से कहा है कि दो से तीन साल में इसे सेना में शामिल कर लिया जाएगा। इसकी जद में पूरा पाकिस्तान जबकि आधा चीन आ जाएगा।
हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक पर तेजी से काम
डीआरडीओ प्रमुख डॉ. समीर वी कामत ने कहा कि भारत हाइपरसोनिक मिसाइल तकनीक पर तेजी से काम कर रहा है।  इस दिशा में शुरुआती सफलताएं हासिल कर चुके हैं। अगले दो से तीन साल में इसका अंतिम परीक्षण पूरा हो जाएगा और फिर इसे सेना में शामिल कर लिया जाएगा। कामत ने कहा, यह मिसाइल हाइपरसोनिक टेक्नोलॉजी डेमॉन्स्ट्रेटर व्हीकल पर आधारित है, जिसका भारत ने 2020 में ही सफल परीक्षण कर लिया था। पिछले साल नवंबर में ओडिशा में डीआरडीओ ने पहली बार लंबी दूरी की हाइपरसोनिक मिसाइल का भी सफल परीक्षण किया। हाल ही में डीआरडीओ ने इस मिसाइल के लिए 1000 सेकंड तक स्क्रैमजेट इंजन का सफल परीक्षण किया है। यह इंजन हवा से ही ऑक्सीजन लेकर ईंधन जलाता है और पूरी तरह स्वदेशी तकनीक पर आधारित है। यह क्रूज मिसाइल है, जो बेहद कम ऊंचाई पर इतनी तेज गति से उड़ान भरती है कि इसे राडार के जरिए ट्रैक नहीं किया जा सकता। जाहिर है इसी वजह से इसे नष्ट भी नहीं किया जा सकता।