रैगिंग के नए नियम लागू, अब बिहारी, जाट, स्वीटी और चिंकी कहने पर दर्ज होगा केस
- दिल्ली राष्ट्रीय
Political Trust
- June 18, 2025
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नई दिल्ली। एंटी रैगिंग गाइडलाइन 2025 यूजीसी ने जारी की है। अब ‘बिहारी’, ‘जाट’, ‘स्वीटी-पिंकी’ जैसे शब्दों के इस्तेमाल पर रैगिंग केस दर्ज होगा। IIT, IIM, मेडिकल, लॉ समेत सभी संस्थानों पर नए नियम लागू होंगे।
मानसिक व शारीरिक शोषण के अलावा जाति, धर्म, रंग, लिंग, भाषाई पहचान, क्षेत्रीय मूल, निवास स्थान, जन्म स्थान या आर्थिक के आधार पर किसी तरह की टिप्पणी करने पर रैगिंग के तहत मामला दर्ज होगा।
संस्थानों को एंटी-रैगिंग गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश
सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को यूजीसी के एंटी-रैगिंग 2009 के तहत नियमों का पालन करना जरूरी है। इसमें आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी, मेडिकल, लॉ, मैनेजमेंट, फाॅर्मेंसी, इंजीनियरिंग समेत सभी विश्वविद्यालय शामिल हैं। देशभर के विश्वविद्यालयों में नए शैक्षणिक सत्र में दाखिला प्रक्रिया शुरू हो गई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को एंटी-रैगिंग रेग्यूलेशन व संशोधित गाइडलाइन का पालन करने का निर्देश दिया है।
एंटी-रैगिंग टीम को शौचालय, कैंटीन, हॉस्टल, बस स्टैंड का निरीक्षण कर रिपोर्ट देनी होगी। रैगिंग से निपटने के लिए छात्रों, अभिभावकों व शिक्षकों के लिए छोटे वीडियो बनाए गए हैं। अभी तक पोस्टर, वर्कशाॅप के जरिये जागरूक किया जाता रहा है अब वीडियो की मदद ली जाएगी।
नियमित संवाद के जरिये करेंगे जागरूक
शिक्षण संस्थानों को रैगिंग मुक्त कैंपस बनाने पर काम करना होगा। इसमें एंटी-रैगिंग समिति बनाने, छात्रों के साथ नियमित संवाद एवं परामर्श, छात्रावासों का औचक निरीक्षण शामिल है। छात्रों के साथ नियमित संवाद व उनकी काउंसलिंग होनी चाहिए, ताकि रैगिंग के शुरुआती संकेतों और परेशानी पैदा करने वाले तत्वों का पता लगाया सके। कैंपस में डार्क प्लेस यानी ऐसे स्थानों पर कैमरा लगाने जरूरी होंगे, जहां किसी की सीधी नजर नहीं पड़ती।
ऑनलाइन आवेदन पत्र में जानकारी
उच्च शिक्षण संस्थानों को अपने ऑनलाइन दाखिला आवेदन पत्र के साथ साधारण भाषा में एंटी-रैगिंग गाइडलाइन की जानकारी देनी होगी। यही नहीं, आवेदन के साथ छात्रों से एंटी -रैगिंग शपथपत्र लेना होगा। इसमें अभिभावकों के हस्ताक्षर के साथ छात्र लिखकर देगा कि वह रैगिंग जैसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा।
संस्थानों को एंटी-रैगिंग गाइडलाइन का पालन करने के निर्देश
सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को यूजीसी के एंटी-रैगिंग 2009 के तहत नियमों का पालन करना जरूरी है। इसमें आईआईटी, आईआईएम, एनआईटी, मेडिकल, लॉ, मैनेजमेंट, फाॅर्मेंसी, इंजीनियरिंग समेत सभी विश्वविद्यालय शामिल हैं। देशभर के विश्वविद्यालयों में नए शैक्षणिक सत्र में दाखिला प्रक्रिया शुरू हो गई है। विश्वविद्यालय अनुदान आयोग (यूजीसी) ने सभी उच्च शिक्षण संस्थानों को एंटी-रैगिंग रेग्यूलेशन व संशोधित गाइडलाइन का पालन करने का निर्देश दिया है।
एंटी-रैगिंग टीम को शौचालय, कैंटीन, हॉस्टल, बस स्टैंड का निरीक्षण कर रिपोर्ट देनी होगी। रैगिंग से निपटने के लिए छात्रों, अभिभावकों व शिक्षकों के लिए छोटे वीडियो बनाए गए हैं। अभी तक पोस्टर, वर्कशाॅप के जरिये जागरूक किया जाता रहा है अब वीडियो की मदद ली जाएगी।
नियमित संवाद के जरिये करेंगे जागरूक
शिक्षण संस्थानों को रैगिंग मुक्त कैंपस बनाने पर काम करना होगा। इसमें एंटी-रैगिंग समिति बनाने, छात्रों के साथ नियमित संवाद एवं परामर्श, छात्रावासों का औचक निरीक्षण शामिल है। छात्रों के साथ नियमित संवाद व उनकी काउंसलिंग होनी चाहिए, ताकि रैगिंग के शुरुआती संकेतों और परेशानी पैदा करने वाले तत्वों का पता लगाया सके। कैंपस में डार्क प्लेस यानी ऐसे स्थानों पर कैमरा लगाने जरूरी होंगे, जहां किसी की सीधी नजर नहीं पड़ती।
ऑनलाइन आवेदन पत्र में जानकारी
उच्च शिक्षण संस्थानों को अपने ऑनलाइन दाखिला आवेदन पत्र के साथ साधारण भाषा में एंटी-रैगिंग गाइडलाइन की जानकारी देनी होगी। यही नहीं, आवेदन के साथ छात्रों से एंटी -रैगिंग शपथपत्र लेना होगा। इसमें अभिभावकों के हस्ताक्षर के साथ छात्र लिखकर देगा कि वह रैगिंग जैसी किसी भी गतिविधि में शामिल नहीं होगा।