चार मई को ब्रह्ममुहुर्त में छह बजे खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, बदरी मंदिर पहुंची शंकराचार्य की गद्दी

 चार मई को ब्रह्ममुहुर्त में छह बजे खुलेंगे बदरीनाथ धाम के कपाट, बदरी मंदिर पहुंची शंकराचार्य की गद्दी
देहरादून। बदरीनाथ धाम के कपाट चार मई को ब्रह्ममुहुर्त में सुबह छह बजे खोले जाएंगे। बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने पर सुबह विशेष पूजा आयोजित होगी। इसके बाद श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ कपाट खुलेंगे। आज शुक्रवार को ज्योतिर्मठ नृसिंह मंदिर में सुबह से विशेष पूजा हो रही है।
बदरीनाथ धाम के कपाट खुलने की धार्मिक प्रक्रिया हो रही हैं। आज शुक्रवार को वैदिक मंत्रोच्चारण के साथ आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी और बदरीनाथ के रावल (मुख्य पुजारी) अमरनाथ नंबूदरी योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर पहुंचे। इस दौरान जय बदरी विशाल के उदघोष और मांगल गीतों से ज्योतिर्मठ नगरी गूंज उठी। कल शनिवार को कुबेर जी और उद्धव जी की उत्सव डोली, गाडू घड़ा तेल कलश और आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी बदरीनाथ के लिए रवाना होगी।
बदरीनाथ मंदिर के कपाट चार मई को ब्रह्ममुहूर्त में छह बजे विशेष पूजा के बाद श्रद्धालुओं के दर्शनार्थ खोले जाएंगे। आज शुक्रवार को ज्योतिर्मठ नृसिंह मंदिर में सुबह से विशेष पूजा हो रही है। इस दौरान मंदिर में दर्शनों के लिए बाहरी प्रदेशों के श्रद्धालु भी पहुंचे। वह करीब 10 बजे पूजा संपन्न होने के बाद आदि गुरु शंकराचार्य की गद्दी, रावल अमरनाथ नंबूदरी, धर्माधिकारी राधाकृष्ण थपलियाल के साथ ही वेदपाठी योग ध्यान बदरी मंदिर पांडुकेश्वर के लिए रवाना हुए। मंदिर में स्थानीय महिलाओं ने मंगल गीत गाए और गद्दी को विदा किया