फेफड़ों में जम रही है जहरीली हवा, विशेषज्ञों की चेतावनी- स्वास्थ्य संकट में
नई दिल्ली। राजधानी दिल्ली की प्रदूषित हवा अब सिर्फ मौसमी समस्या नहीं रह गई है, बल्कि यह लोगों के फेफड़ों और दिल के लिए गंभीर और लंबे समय तक रहने वाला खतरा बन चुकी है। प्रदूषण में मौजूद पीएम 2.5 शरीर के लिए घातक है। ऐसे में, राजधानी की हवा में मौजूद पीएम 2.5 विश्व स्वास्थ्य संगठन के मानक से कई गुना ज्यादा है, जो कई शारीरिक बीमारियों व समस्याओं के मामलों में स्थायी भी साबित हो रहा है। विशेषज्ञों का कहना है कि हवा में मौजूद पीएम 2.5 बहुत छोटे कण है, जो सांस के साथ फेफड़ों की गहराई तक पहुंच जाते हैं और वहां जमा हो जाते हैं। शरीर इनको पूरी तरह बाहर नहीं निकाल पाता और एक बार हुआ नुकसान ठीक भी नहीं होता।
अंतरराष्ट्रीय शोध पत्रिका की साइंटिफिक रिपोर्ट्स में प्रकाशित अध्ययन में बताया गया है कि दिल्ली में 2019 से 2023 तक के पांच साल में हवा के इन छोटे कणों का फेफड़ों में जमाव बहुत ज्यादा रहा। ये कण फेफड़ों की कार्यक्षमता कम करते हैं, सांस लेने में दिक्कत बढ़ाते हैं और दिल को भी नुकसान पहुंचाते हैं। अध्ययन के अनुसार, शाम के समय यात्रा करने वालों को ज्यादा खतरा होता है। विशेषज्ञों ने इसे स्वास्थ्य आपातकाल बताया है। उनका कहना है कि प्रदूषण से होने वाला नुकसान तुरंत शुरू हो जाता है, भले ही लक्षण बाद में दिखें।
विशेषज्ञ बताते हैं कि दिल्ली में गले में खराश, खांसी, सर्दी, छींक, सांस की तकलीफ और आंखों में जलन जैसी शिकायतें तेजी से बढ़ रही हैं। यह सिर्फ सांस की समस्या नहीं, बल्कि पूरा सार्वजनिक स्वास्थ्य संकट है जो दिल को भी प्रभावित कर रहा है। वहीं, पल्मोनरी विभाग के डॉक्टरों का कहना है कि जहरीली हवा से फेफड़ों को एक बार नुकसान पहुंच जाए तो उससे छुटकारा पाना बहुत मुश्किल होता है।
जहरीली फिजा, हवा खराब
राजधानी में हवा की गति धीमी होने और तापमान गिरने के कारण हवा एक बार फिर से खराब से बेहद खराब श्रेणी में पहुंच गई। ऐसे में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) 360 दर्ज किया गया। यह हवा की बेहद खराब श्रेणी है। इसमें शुक्रवार की तुलना में 60 सूचकांक की गिरावट दर्ज की गई। दूसरी ओर, एनसीआर में ग्रेटर नोएडा की हवा सबसे अधिक प्रदूषित रही। यहां एक्यूआई 390 दर्ज किया गया, यह हवा की बेहद खराब श्रेणी है। गाजियाबाद में 395, नोएडा में 378, गुरुग्राम में 340 और गुरुग्राम में 332 एक्यूआई दर्ज किया गया। इसके अलावा, फरीदाबाद की हवा सबसे साफ रही। यहां सूचकांक 324 दर्ज किया गया। यह हवा की खराब श्रेणी है।
हवा में पीएम10 की मात्रा 321.5 और पीएम2.5 की मात्रा 291.4 माइक्रोग्राम प्रति घन मीटर दर्ज की गई। केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड (सीपीसीबी) का पूर्वानुमान है कि शनिवार से सोमवार तक हवा इसी श्रेणी में बरकरार रहेगी। इसके चलते सांस के मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा।
