H-1B Visa नवीनीकरण के लिए दूतावास ने रद्द किए साक्षात्कार; हजारों लोग फंसे
नई दिल्ली। अमेरिकी अधिकारियों का कहना है कि सोशल मीडिया की जांच कोई नई बात नहीं है। विदेश विभाग लंबे समय से छात्र और एक्सचेंज वीजा (महिला, पुरुष और महिला श्रेणी) के लिए सोशल मीडिया की समीक्षा करता रहा है।
अमेरिकी वीजा प्रक्रिया में बदलाव हजारों भारतीय पेशेवरों के लिए मुसीबत का सबब बन गया है। दिसंबर की शुरुआत में अपने वर्क परमिट का नवीनीकरण कराने के लिए भारत लौटे तमाम एच-1बी वीजाधारक यहीं फंस गए हैं, क्योंकि अमेरिकी दूतावासों ने साक्षात्कार रद्द कर दिए हैं।
वाशिंगटन पोस्ट के मुताबिक, ये साक्षात्कार 15 से 26 दिसंबर के बीच निर्धारित थे लेकिन अमेरिकी विदेश विभाग की नई सोशल मीडिया जांच नीति के चलते इन्हें अचानक रोक दिया गया है। अमेरिकी विदेश विभाग ने स्पष्ट किया है कि राष्ट्रीय सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए आवेदकों की ऑनलाइन उपस्थिति और सोशल मीडिया गतिविधियों की गहन जांच की जा रही है।
अमेरिका की इस नई नीति का उद्देश्य यह सुनिश्चित करना है कि कोई भी आवेदक अमेरिकी राष्ट्रीय सुरक्षा या सार्वजनिक सुरक्षा के लिए खतरा न बने। भारत में अमेरिकी दूतावास ने 10 दिसंबर को कहा था कि अब एच-1बी धारकों और उनके आश्रितों (एच-4) के लिए भी यह जांच अनिवार्य होगी। एच-1बी वीजा का व्यापक रूप से अमेरिकी प्रौद्योगिकी कंपनियों की ओर से इस्तेमाल किया जाता है। भारतीय पेशेवर इस वीजा के प्राप्तकर्ताओं के सबसे बड़े समूहों में से एक हैं।
भारत में अमेरिकी दूतावास ने H-1B और H-4 वीजा आवेदकों के लिए एक्स पर एक पोस्ट में वैश्विक अलर्ट जारी किया है। इसमें कहा गया है कि 15 दिसंबर से विदेश विभाग ने मानक वीजा स्क्रीनिंग के हिस्से के रूप में ऑनलाइन समीक्षा को व्यापक बना दिया है। यह उपाय इन वीजा के लिए आवेदन करने वाले सभी राष्ट्रीयताओं के आवेदकों पर विश्व स्तर पर लागू होता है।
दूतावास के अनुसार, विस्तारित जांच प्रक्रिया का उद्देश्य एच-1बी कार्यक्रम के कथित दुरुपयोग को रोकना है। इसके साथ ही अमेरिकी कंपनियों को सर्वश्रेष्ठ अस्थायी विदेशी पेशेवरों की भर्ती करने की अनुमति देना भी है। संसद के शीतकालीन सत्र में राज्यसभा में लिखित जवाब देते हुए विदेश राज्य मंत्री कीर्ति वर्धन सिंह ने बताया था कि अमेरिकी प्रशासन अब वीजा संबंधी हर फैसले को राष्ट्रीय सुरक्षा का निर्णय मानता है। उन्होंने वाशिंगटन के इस रुख को दोहराया कि अमेरिकी वीजा एक विशेषाधिकार है, अधिकार नहीं।
