अमेरिकी टैरिफ से भारतीय निर्यात कंपनियों को नुकसान, 28.5% की गिरावट

 अमेरिकी टैरिफ से भारतीय निर्यात कंपनियों को नुकसान, 28.5% की गिरावट
नई दिल्ली/मुंबई। अमेरिका की भारतीय सामानों पर लगाए गए आक्रामक और आयात शुल्कों (टैरिफ) से भारतीय निर्यात कंपनियों को नुकसान हुआ है। मई से अक्तूबर के बीच पिछले पांच महीनों में भारत के निर्यात में 28.5 प्रतिशत की भारी गिरावट आई है। यह आंकड़ा केवल संख्या में कमी नहीं, बल्कि भारतीय विनिर्माण और रोजगार के लिए एक बड़ी चिंता भी है।
रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिका ने भारतीय सामानों पर टैरिफ में जिस तरह की बढ़ोतरी की है, वह अप्रत्याशित है। इस साल 2 अप्रैल को पहली बार भारतीय उत्पदों पर 10 प्रतिशत का जवाबी टैरिफ लगाया गया। 7 अगस्त को यह बढ़कर 25 प्रतिशत हुआ और अगस्त के अंत तक 50 प्रतिशत के रिकॉर्ड स्तर पर पहुंच गया।
ट्रंप सरकार की इस आक्रामक नीति का नतीजा यह हुआ कि मई से अक्तूबर 2025 के बीच अमेरिका को होने वाला भारतीय निर्यात 8.83 अरब डॉलर से घटकर महज 6.31 अरब डॉलर रह गया। गौर करने वाली बात यह है कि इस ‘टैरिफ युद्ध’ में भारत की स्थिति चीन से भी खराब हो गई है। जहां चीन को लगभग 30 प्रतिशत और जापान को केवल 15 प्रतिशत शुल्क का सामना करना पड़ रहा है, वहीं भारतीय सामानों पर 50 प्रतिशत का भंयकर भार है।
स्मार्टफोन और फार्मा सेक्टर पर असर
भले ही स्मार्टफोन, दवाइयां और पेट्रोलियम उत्पादों पर तकनीकी रूप से टैरिफ का फैसला लागू नहीं है, लेकिन बाजार के गिरते सेंटीमेंट का असर इनके निर्यात पर भी पड़ा है। अक्तूबर के निर्यात में इन उत्पादों की हिस्सेदारी 40.3% थी। इनका निर्यात मई के 3.42 अरब डॉलर से गिरकर अक्तूबर में 2.54 अरब डॉलर रह गया। यानी सीधे तौर पर इसमें 881 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ।
जीटीआरआई के संस्थापक अजय श्रीवास्तव के अनुसार भारत से अमेरिका जाने वाला सबसे बड़ा उत्पाद स्मार्टफोन टैरिफ के कारण सबसे बुरी तरह प्रभावित हुआ है। इसमें मई की तुलना में 36% की गिरावट आई है। मई में जो निर्यात 2.29 अरब डॉलर था, वह अक्तूबर में सिमटकर 1.50 अरब डॉलर रह गया। केवल स्मार्टफोन के निर्यता में 790 मिलियन डॉलर का नुकसान हुआ है।