संकटों को खत्म करता है गणपति का ये शक्तिशाली पाठ, विघ्नहर्ता करेंगे सभी संकट से रक्षा

 संकटों को खत्म करता है गणपति का ये शक्तिशाली पाठ, विघ्नहर्ता करेंगे सभी संकट से रक्षा
नई दिल्ली। गणेश जी को प्रथम पूज्य कहा गया है। उनके आशीर्वाद के बिना कोई भी आरंभ पूर्ण नहीं माना जाता। रोज संकट नाशन गणेश स्तोत्र पढ़ने से छोटी-बड़ी बाधाएं दूर रहती हैं। भगवान गणेश की कृपा प्राप्त करने का अत्यंत प्रभावशाली मार्ग संकट नाशन गणेश स्तोत्र को माना जाता है। नारद पुराण में वर्णित 12 पवित्र श्लोकों वाला यह स्तोत्र जीवन के हर प्रकार की बाधा को दूर करने में अत्यंत सहायक माना जाता है। नौकरी में रुकावट हो, धन-संबंधी परेशानी, स्वास्थ्य समस्या या पारिवारिक कलह जैसी समस्याओं से छुटकारा पाने के लिए नियमित रूप से यह पाठ करें। संकट नाशन गणेश स्तोत्र का पाठ करने से जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आते हैं। आइए जानें इसके लाभ और सही पाठ-विधि।
संकट नाशन गणेश स्तोत्र के लाभ
इस स्तोत्र में गणेश जी के अलग-अलग रूपों का वर्णन मिलता है। पहला श्लोक बुद्धि से जुड़ी रुकावटें दूर करता है। तीसरा श्लोक आर्थिक बाधाओं को कम करता है। पांचवा श्लोक स्वास्थ्य सुधारने में सहायक है।
जो लोग लंबे समय से कोर्ट-कचहरी, कर्ज या शत्रुओं से परेशान हैं, वे भी 21 दिनों में इसका असर महसूस कर सकते हैं। अटके हुए कार्य पूर्ण होने लगते हैं और नकारात्मक लोग स्वयं पीछे हट जाते हैं।
धन-समृद्धि का मार्ग
माता लक्ष्मी, गणेश जी की मौसी मानी जाती हैं। इस कारण यह स्तोत्र धन आकर्षित करने में विशेष प्रभाव देता है। अगर आपको व्यवसाय में घाटा, आय में रुकावट या कर्ज के समाधान न मिलने की परेशानी हो रही है, तो सुबह नियमित स्तोत्र पाठ आपके लिए नए अवसरों के द्वार खोल सकता है।
गणेश जी को प्रथम पूज्य कहा गया है। उनके आशीर्वाद के बिना कोई भी आरंभ पूर्ण नहीं माना जाता। रोज संकट नाशन गणेश स्तोत्र पढ़ने से छोटी-बड़ी बाधाएं दूर रहती हैं।