अगले उपराष्ट्रपति का चुनाव बाकी चुनावों से होगा अलग? जानें कैसे होती है जीत और हार
- दिल्ली राजनीति राष्ट्रीय
Political Trust
- July 22, 2025
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नई दिल्ली। अब जगदीप धनखड़ के पद छोड़ने के बाद उपराष्ट्रपति का चुनाव कैसे होगा? चुनाव प्रक्रिया में क्या होता है? उपराष्ट्रपति का चुनाव होता कैसे है? कौन उपराष्ट्रपति का चुनाव लड़ सकते हैं? उपराष्ट्रपति का चुनाव कितना अलग होता है? इसमें कैसे जीत और हार का फैसला होता है?
यहां जानिए।
उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने सोमवार देर शाम अपने पद से इस्तीफा दे दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को भेजी गई चिट्ठी में स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए कहा कि अपनी देखभाल को प्राथमिकता देने के लिए वे भारत के उपराष्ट्रपति पद से तत्काल प्रभाव से इस्तीफा दे रहे हैं। धनखड़ के अचानक अपने कार्यकाल के मध्य में इस्तीफा देने के बाद से अब अगले उपराष्ट्रपति को लेकर कई सवाल खड़े हो गए हैं।
उपराष्ट्रपति चुनाव में कौन वोट डालता है?
उपराष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सांसद, राज्यसभा में मनोनीत 12 सांसद और लोकसभा के 543 सांसद वोट डाल सकते हैं। इस तरह के कुल 788 लोग वोट डाल सकते हैं। हालांकि, चुनाव आयोग जब उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का एलान करेगा, तब वह लोकसभा और राज्यसभा में सभी मौजूदा सदस्यों की गिनती करेगा।
उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान होता कैसे है?
संविधान के अनुच्छेद 66 में उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया का जिक्र है। यह चुनाव अनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति से किया जाता है, जो कि लोकसभा या विधानसभा चुनाव की वोटिंग प्रक्रिया से बिल्कुल अलग है। उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम से होती है। आसान शब्दों में इस चुनाव के मतदाता को वरीयता के आधार पर वोट देना होता है। मसलन वह बैलट पेपर पर मौजूद उम्मीदवारों में अपनी पहली पसंद के उम्मीदवार को एक, दूसरी पसंद को दो और इसी तरह से अन्य प्रत्याशियों के आगे अपनी प्राथमिकता नंबर के तौर पर लिखता है। ये पूरी प्रक्रिया गुप्त मतदान पद्धति से होती है। मतदाता को अपनी वरीयता सिर्फ रोमन अंक के रूप में लिखनी होती है। इसे लिखने के लिए भी चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए खास पेन का इस्तेमाल करना होता है।
उपराष्ट्रपति चुनाव में कौन वोट डालता है?
उपराष्ट्रपति चुनाव में राज्यसभा के 233 निर्वाचित सांसद, राज्यसभा में मनोनीत 12 सांसद और लोकसभा के 543 सांसद वोट डाल सकते हैं। इस तरह के कुल 788 लोग वोट डाल सकते हैं। हालांकि, चुनाव आयोग जब उपराष्ट्रपति चुनाव की तारीखों का एलान करेगा, तब वह लोकसभा और राज्यसभा में सभी मौजूदा सदस्यों की गिनती करेगा।
उपराष्ट्रपति चुनाव में मतदान होता कैसे है?
संविधान के अनुच्छेद 66 में उपराष्ट्रपति चुनाव की प्रक्रिया का जिक्र है। यह चुनाव अनुपातिक प्रतिनिधि पद्धति से किया जाता है, जो कि लोकसभा या विधानसभा चुनाव की वोटिंग प्रक्रिया से बिल्कुल अलग है। उपराष्ट्रपति चुनाव में वोटिंग सिंगल ट्रांसफरेबल वोट सिस्टम से होती है। आसान शब्दों में इस चुनाव के मतदाता को वरीयता के आधार पर वोट देना होता है। मसलन वह बैलट पेपर पर मौजूद उम्मीदवारों में अपनी पहली पसंद के उम्मीदवार को एक, दूसरी पसंद को दो और इसी तरह से अन्य प्रत्याशियों के आगे अपनी प्राथमिकता नंबर के तौर पर लिखता है। ये पूरी प्रक्रिया गुप्त मतदान पद्धति से होती है। मतदाता को अपनी वरीयता सिर्फ रोमन अंक के रूप में लिखनी होती है। इसे लिखने के लिए भी चुनाव आयोग द्वारा उपलब्ध कराए गए खास पेन का इस्तेमाल करना होता है।