बार-बार होते हैं बीमार तो इन वास्तु टिप्स को अपनाकर स्वास्थ्य में करें सुधार

 बार-बार होते हैं बीमार तो इन वास्तु टिप्स को अपनाकर स्वास्थ्य में करें सुधार
Political Trust –नई दिल्ली। घर की संरचना, दिशा और ऊर्जा व्यक्ति के स्वास्थ्य पर गहरा असर डालती है। घर में नकारात्मक ऊर्जा या वास्तु दोष हो, तो व्यक्ति बार-बार बीमार होता रहता है। बीमारी से बचने के लिए कुछ वास्तु टिप्स अपनाकर स्वास्थ्य में सुधार ला सकते हैं।
सोने की दिशा बदलें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, व्यक्ति को सिर दक्षिण या पूर्व दिशा की ओर रखकर सोना चाहिए। उत्तर दिशा की ओर सिर रखकर सोने से रक्त प्रवाह में बाधा आती है और बार-बार सिरदर्द, थकावट या अनिद्रा की समस्या हो सकती है। सोने की दिशा ठीक करने से मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य में सुधार होता है।
बेड के नीचे कबाड़ या भारी सामान ना रखें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, सोने वाले बिस्तर के नीचे खाली स्थान होना चाहिए। यदि आप वहां पुराने कपड़े, जूते, दस्तावेज़ या कबाड़ रखते हैं, तो इससे नकारात्मक ऊर्जा उत्पन्न होती है जो स्वास्थ्य को प्रभावित कर सकती है। यह मानसिक तनाव, थकान और नींद की कमी का कारण भी बनता है। इसलिए बिस्तर के नीचे सफाई रखें और अनावश्यक वस्तुएं हटाएं।
शौचालय की स्थिति पर ध्यान
अगर शौचालय उत्तर-पूर्व (ईशान कोण) में है तो यह सबसे बड़ा वास्तु दोष माना जाता है। इससे मानसिक तनाव, बीमारियाँ और रोगों की आवृत्ति बढ़ती है। इस स्थिति में रोज सुबह घर में गंगाजल का छिड़काव करें और वास्तु दोष निवारक उपाय अपनाएं।
बेडरूम में शीशा न लगाएं
सोते समय अगर आईना व्यक्ति के शरीर को प्रतिबिंबित करता है, तो यह मानसिक और शारीरिक स्वास्थ्य के लिए हानिकारक होता है। यदि बेडरूम में आईना है तो सोने से पहले उसे कपड़े से ढँक देना चाहिए।
रसोईघर और बाथरूम आमने-सामने न हों
यदि रसोई और बाथरूम आमने-सामने हों तो यह अग्नि और जल तत्वों का टकराव दर्शाता है। इससे घर के सदस्यों में बीमारियाँ और तनाव बढ़ सकता है। इस स्थिति में रसोई के द्वार पर लकड़ी की पट्टी या लाल पर्दा लगाना शुभ होता है।
घर में सूर्य का प्रकाश आने दें
वास्तु शास्त्र के अनुसार, घर के भीतर प्रातःकाल सूर्य का प्रकाश अवश्य आना चाहिए। इससे सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और रोगों से लड़ने की शक्ति बढ़ती है। सूर्य के प्रकाश से विटामिन डी भी मिलता है, जो हड्डियों के लिए अत्यंत आवश्यक है।